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11:50 AM पर लॉन्‍च होगा ISRO का आदित्य L1, चार महीने में पहुंचेगा; लैगरेंज पॉइंट से सूर्य की स्टडी

बेंगलुरु: चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान-3 की कामयाब लैंडिंग के बाद भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) सूर्य की स्टडी के लिए शनिवार को अपना पहला मिशन भेज रहा है। आदित्य L1 नाम का यह मिशन आज सुबह 11:50 बजे PSLV-C57 रॉकेट से श्री श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से लॉन्च किया जाएगा।

सूर्य की स्टडी करने वाला आदित्य L1 पहला भारतीय मिशन होगा। ये स्पेसक्राफ्ट लॉन्च होने के चार महीने बाद लैगरेंज पॉइंट-1 (L1) तक पहुंचेगा। इस पॉइंट पर ग्रहण का प्रभाव नहीं पड़ता, जिस कारण यहां से सूरज की स्टडी आसानी से की जा सकती है।​​​​​​​ ​इस मिशन की अनुमानित लागत 378 करोड़ रुपये है। श्रीहरिकोटा में आदित्य L1 को स्पेस में ले जाने वाले लॉन्च व्हीकल के इंटरनल चेक पूरे हो चुके हैं। लॉन्चिंग की रिहर्सल भी कर ली गई है।

चार महीने में लैंगरेंज पॉइंट (L1) पर पहुंचेगा आदित्य L1

आदित्य स्पेसक्राफ्ट को L1 पॉइंट तक पहुंचने में लगभग 120 दिन यानी चार महीने लगेंगे। ये 120 दिन 31 दिसंबर, 2023 को पूरे होंगे। अगर मिशन सफल रहा और आदित्य स्पेसक्राफ्ट लैग्रेंजियन पॉइंट 1 पर पहुंच गया तो 2023 में ISRO के नाम ये दूसरी बड़ी उपलब्धि होगी।

लैगरेंज पॉइंट-1 (L1) के बारे में

लैगरेंज पॉइंट का नाम इतालवी-फ्रेंच मैथमैटीशियन जोसेफी-लुई लैगरेंज के नाम पर रखा गया है। इसे बोलचाल में L1 नाम से जाना जाता है। ऐसे पांच पॉइंट धरती और सूर्य के बीच हैं, जहां सूर्य और पृथ्वी का गुरुत्वाकर्षण बल बैलेंस हो जाता है और सेंट्रिफ्यूगल फोर्स बन जाता है। ऐसे में इस जगह पर अगर किसी ऑब्जेक्ट को रखा जाता है तो वह आसानी से दोनों के बीच स्थिर रहता है और एनर्जी भी कम लगती है। पहला लैगरेंज पॉइंट धरती और सूर्य के बीच 15 लाख किलोमीटर की दूरी पर है।

जानकारी के अनुसार, आदित्य यान को सूर्य और पृथ्वी के बीच हेलो ऑर्बिट में स्थापित किया जाएगा। ISRO का कहना है कि L1 पॉइंट के आस-पास हेलो ऑर्बिट में रखा गया सैटेलाइट सूर्य को बिना किसी ग्रहण के लगातार देख सकता है। इससे रियल टाइम सोलर एक्टिविटीज और अंतरिक्ष के मौसम पर भी नजर रखी जा सकेगी।

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