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मन की बात में PM Modi ने किया शहडोल के आदिवासियों का जिक्र, बोले- जल संरक्षण बहुत जरूरी

प्रधानमंत्री ने ‘मन की बात’ कार्यक्रम के 103वें एपिसोड के जरिए देशवासियों को किया संबोधित

नई दिल्‍ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार (30 जुलाई) को अपने ‘मन की बात’ कार्यक्रम के जरिए देशवासियों को संबोधित किया। पीएम मोदी के ‘मन की बात’ का 103वां एपिसोड सुबह 11 बजे टेलीकास्ट किया गया। इस दौरान उन्‍होंने कई बातों का जिक्र करते हुए पौधरोपण की अपील की।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कुछ समय पहले में मध्‍यप्रदेश के शहडोल गया था और वहां आदिवासी भाइयों से मुलाकात हुई। पकरिया गांव के आदिवासियों ने प्रकृति और जल संरक्षण के लिए काम कर दिया है। 100 कुओं को वाटर रिचार्ज सिस्टम में बदल दिया है। बारिश का पानी इन कुओं में जाता है और वहां से जमीन में। सभी गांववालों ने 800 कुओं को रिचार्ज के लिए उपयोग में लाने का लक्ष्य बनाया है।

विचारपुर गांव को कहा जाता है मिनी ब्राजील

शहडोल में विचारपुर गांव है, जिसे ‘मिनी ब्राजील’ कहा जाता है। ये गांव आज उभरते सितारों का गढ़ बन गया है। यहां मेरी मुलाकात इन खिलाड़ियों से हुई। विचारपुर गांव के मिनी ब्राजील बनने की यात्रा दो दशक पहले शुरू हुई। यह कभी नशे का शराब का गढ़ था। रईस अहमद जो पूर्व फुटबॉलर हैं और कोच हैं, उन्होंने युवाओं को फुटबॉल सिखाना शुरू किया। अब विचारपुर की पहचान फुटबॉल से होने लगी। फुटबॉल क्रांति नाम से एक प्रोग्राम चल रहा है।

विचारपुर से निकले 40 नेशनल और स्टेट लेवल प्लेयर

शहडोल के विचारपुर गांव से नेशनल और स्टेट लेवल के 40 से अधिक खिलाड़ी निकले हैं। काफी बड़े इलाके में 1200 से ज्यादा फुटबॉल क्लब बन गए हैं। कई पूर्व खिलाड़ी और कोच यहां युवाओं को ट्रेनिंग दे रहे हैं। एक आदिवासी इलाका जो अवैध शराब के लिए जाना जाता था, नशे के लिए बदनाम था, वो आज देश की फुटबॉल नर्सरी बन गया है। जहां चाह, वहां राह। प्रतिभाओं की कमी नहीं है। उन्हें तलाशने और तराशने की जरूरत है।

सावन माह का किया जिक्र

पीएम मोदी ने कहा कि इस समय सावन का महीना चल रहा है। महादेव की आराधना के साथ सावन हरियाली और खुशहाली से जुड़ा होता है। इसका बहुत महत्व रहा है। सावन के झूले, सावन की मेंहदी, सावन के उत्सव। सावन का मतलब ही आनंद और उल्लास है। इस आस्था और परंपराओं का एक पक्ष और भी है। ये हमें गतिशील बनाते हैं। शिव अराधना के लिए कितने ही भक्त कांवड़ यात्रा पर निकलते हैं। 12 ज्योतिर्लिंगों पर भी श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। बनारस पहुंचने वाले लोगों की संख्या रिकॉर्ड तोड़ रही है। हर साल वहां 10 करोड़ से ज्यादा पर्यटक पहुंच रहे हैं। अयोध्या, मथुरा और उज्जैन पहुंचने वालों की संख्या भी बढ़ रही है।

इसके बाद उन्‍होंने कहा, अभी 50 हजार से अधिक अमृत सरोवर बनाने का काम चल रहा है। देशवासी पूरी जागरुकता और जिम्मेदारी के साथ जल संरक्षण की कोशिश कर रहे हैं। उत्तर प्रदेश में एक दिन में 30 करोड़ पेड़ लगाने का रिकॉर्ड बनाया गया है। राज्य सरकार ने अभियान की शुरुआत की और लोगों ने इसे पूरा किया। ऐसे प्रयास जनभागीदारी के साथ जन जागरण के बड़े उदाहरण हैं। हम सब भी पेड़ लगाने और पानी बचाने के प्रयासों का हिस्सा बनें।

अमेरिका ने 100 से ज्यादा दुर्लभ कलाकृतियां लौटाईं

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, अमेरिका ने हमें 100 से अधिक दुर्लभ और प्राचीन कलाकृतियां वापस लौटाई हैं। ये कलाकृतियां ढाई हजार साल से लेकर 250 साल तक पुरानी हैं। इनका नाता देश के अलग-अलग क्षेत्रों से है। 2016 और 2021 में भी जब मैंने अमेरिका की यात्रा की थी, तब भी कई कलाकृतियां भारत को लौटाई गई थी। इस खबर के सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर इन कलाकृतियों को लेकर खूब चर्चा हुई। युवाओं में अपनी विरासत के प्रति गर्व का भाव दिखा। हम न केवल अपनी विरासत को अंगीकार करें, बल्कि उसे जिम्मेदारी से साथ विश्व के सामने प्रस्तुत भी करें।

उन्‍होंने कहा, मुझे खुशी है कि ऐसा ही एक प्रयास इन दिनों उज्जैन में चल रहा है। यहां देशभर के 18 चित्रकार, पुराणों पर आधारित आकर्षक चित्रकथाएं बना रहे हैं। ये चित्र, बूंदी शैली, नाथद्वारा शैली, पहाड़ी शैली और अपभ्रंश शैली जैसी कई विशिष्ट शैलियों में बनेंगे। इन्हें उज्जैन के त्रिवेणी संग्रहालय में प्रदर्शित किया जाएगा यानी कुछ समय बाद जब आप उज्जैन जाएंगे तो महाकाल महालोक के साथ-साथ एक और दिव्य स्थान के आप दर्शन कर सकेंगे।

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