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होलाष्टक आज से शुरू, 16 संस्कारों पर लगा विराम….

होलाष्टक को लेकर एक कथा प्रचलित है कि राजा हिरण्यकश्यप बेटे प्रहलाद को भगवान विष्णु की भक्ति से दूर करना चाहता था

होली से आठ दिन पहले होलाष्टक शुरू हो जाते हैं। पंचांग के अनुसार इस साल 28 फरवरी, मंगलवार यानी आज से होलाष्टक शुरू हो रहे हैं और 7 मार्च को होलिका दहन के साथ समाप्त होंगे। होलाष्टक शब्द होली और अष्टक से से मिलकर बना है। इसका अर्थ है होली के आठ दिन। शास्त्रों के अनुसार होलाष्टक में किसी भी तरह के शुभ कार्य नहीं करने चाहिए। मतलब गृह प्रवेश, मुंडन, नामकरण, शादी-विवाह आदि करना वर्जित बताया गया है, लेकिन देवी-देवताओं की आराधना के लिए ये दिन बहुत ही श्रेष्ठ माने जाते हैं। ज्योतिष शास्त्र में होलाष्टक के दौरान कुछ उपायों का वर्णन मिलता है। जिनको करने से सुख- समृद्धि और आरोग्य की प्राप्ति हो सकती है। आइए जानते हैं इन उपायों के बारे में…
होलाष्टक में 16 संस्कार का महत्व
होलाष्टक में 16 संस्कार समेत कोई भी शुभ कार्य करना वर्जित होता है, होलाष्टक के दौरान दान-पुण्य करने का विशेष फल प्राप्त होता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार होलाष्टक में महामृत्युंजय मंत्र का जाप करने से हर तरह के रोग से छुटकारा मिलता है और सेहत अच्छी रहती है।
होली की कथा ..
होलाष्टक को लेकर एक कथा प्रचलित है कि राजा हिरण्यकश्यप बेटे प्रहलाद को भगवान विष्णु की भक्ति से दूर करना चाहता था और इसके लिए उसने इन आठ दिन प्रहलाद को कठिन यातनाएं दीं। इसके बाद आठवें दिन बहन होलिका (जिसे आग में न जलने का वरदान था) की गोदी में प्रहलाद को बैठा कर जला दिया, लेकिन फिर भी प्रहलाद बच गए। अतः ऐसे में इन आठ दिनों को अशुभ माना जाता है और कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता। होलाष्टक के दौरान सोलह संस्कार सहित सभी शुभ कार्यों को रोक दिया जाता है। इन दिनों गृह प्रवेश या किसी अन्य भवन में प्रवेश करने की भी मनाही होती है। इतना ही नहीं, नई शादी हुई लड़कियों को ससुराल की पहली होली देखने की भी मनाही होती है।
होलाष्टक पर क्या करें? 
होलाष्टक के दौरान दान-पुण्य करने का विशेष फल प्राप्त होता है। इस दौरान मनुष्य को अधिक से अधिक भगवत भजन और वैदिक अनुष्ठान करने चाहिए, ताकि समस्त कष्टों से मुक्ति मिल सके। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार होलाष्टक में महामृत्युंजय मंत्र का जाप करने से हर तरह के रोग से छुटकारा मिलता है और सेहत अच्छी रहती है।
कॅरियर में तरक्की के लिए करें ये उपाय
ज्योतिष के मुताबिक होलाष्टक के आठ दिनों के दौरान चावल, केसर, घी से हवन करें। साथ ही भोलेनाथ का गन्ने के रस और पंचामृत से अभिषेक करें। ऐसा करने से सुख- समृद्धि की प्राप्ति होगी। साथ ही कॅरियर में तरक्की के योग बनेंगे।
बनेंगे बिगड़े कार्य 
अगर आपका कोई काम नहीं बन रहा हो या काफी प्रयास करने के बाद नौकरी और आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ रहा हो तो नौकरी और रोजगार संबंधी समस्याओं को दूर करने के लिए होलाष्टक के दौरान काले तिल, लोहा और काली उड़द दाल को काले कपड़े में बांधकर 5 मार्च शनिवार को किसी व्यक्ति को दान में दे दें या शनि मंदिर में अर्पित कर दें। ऐसा करने से आपको नौकरी और रुके हुए काम में सफलता मिलेगी।
मिलेगी आर्थिक तंगी से निजात 
काफी मेहनत के बाद भी धन संचय करने में आप असफल रहते हैं और फिजूल खर्चे होते हों तो होलाष्टक के दिनों में पीली सरसों, हल्दी गांठ, गुड़ व कनेर के फूल से हवन करें। इसके बाद श्रीसूक्त या मंगल ऋण मोचन स्त्रोत का पाठ करें। ऐसा करने से आर्थिक स्थिति में सुधार आ सकता है। साथ ही बचत करने में आप सफल रहेंगे।
अच्छी सेहत के लिए
अपनी अच्छी सेहत के लिए आपको होलाष्टक के दौरान महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना चाहिए। ये जाप करने के बाद गुग्गल से हवन भी करना न भूलें।  मान्यता के अनुसार ऐसा करने से असाध्य रोग से मुक्ति मिलती है।
भगवान नृसिंह की करें पूजा
होलाष्टक के दिनों में नृसिंह भगवान की पूजा- अर्चना करें। ऐसा करने से आपको गुप्त शत्रुओं से मुक्ति मिल सकती है। साथ ही आपको कोर्ट- कचहरी के मामलों में विजय मिल सकती है। क्योंकि शास्त्रों में होलाष्टक के समय नृसिंह भगवान की पूजा का विधान बताया गया है।

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