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एक दिन में खाता था 40 रोटी, डॉक्टर से जब करवाया चेकअप, तो निकली ये गंभीर बीमारी

आंखों से दिखना हुआ बंद, जांच की तो निकली Diabetic Ratinopathy

मध्यप्रदेश के शिवपुरी में एक 12 साल का लड़का रोज 40 रोटियां खाता था। कुछ दिनों बाद उसकी आंखों की रोशनी चली गई। उसने जब जांच कराई तो इसके पीछे डायबिटिक रेटिनोपैथी बीमारी निकली। डायबिटिक रेटिनोपैथी एक ऐसी बीमारी है, जो ब्लड शुगर (Blood Sugar) से पीड़ित व्यक्ति की रेटिना (आंख का पर्दा) को प्रभावित करती है।

यह रेटिना को रक्त पहुंचाने वाली बेहद पतली नसों के क्षतिग्रस्त होने से होता है। समय पर इलाज न कराने से पूर्ण अंधापन भी हो सकता है। डायबिटीज के करीब 40 प्रतिशत मरीज इस बीमारी से पीड़ित हैं। दुनिया में अंधेपन का यह सबसे बड़ा कारण है।

ऐसे में जब उसका हेल्थ चेकअप कराया गया तो वह एक गंभीर बीमारी से पीड़ित निकला। लड़के के परिजन उसे लेकर अस्पताल पहुंचे तो जांच में पता चला कि उसका शुगर लेवल 1206 मिलीग्राम/डेसीलीटर पहुंच गया था। जिसे देखकर डॉक्टर भी हैरान रह गए।

गनीमत ये रही है कि पांच डॉक्टरों की टीम ने 26 दिन की कड़ी मशक्कत के बाद बारी-बारी से उसकी दोनों आंखों का ऑपरेशन किया और आंखों की रोशनी वापस लौट आई। इस तरह लड़के को नया जीवन भी दिया।

शिवपुरी के खोड में रहने वाले संदीप के पिता बनवारी आदिवासी ने बताया कि उनके बेटे संदीप को अचानक दिखना बंद हो गया और बेहोशी छाने लगी। इसके बाद उसे लेकर शिवपुरी के एक निजी हॉस्पीटल में डॉ। दीपक गौतम के पास पहुंचे। जब डॉ। गौतम ने उसका ब्लड शुगर टेस्ट किया तो 1206 मिलीग्राम/डेसीलीटर निकला।

दकअसल संदीप की शुगर कंट्रोल करने उसे प्रतिदिन 6-6 यूनिट इंसुलिन दिया। इससे उसका शुगर लेवल कंट्रोल हुआ। इसके बाद जब उसकी आंखों का चेकअप जिला चिकित्सालय के नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ। गिरीश चतुर्वेदी से कराया तो उन्होंने उसे डायबिटिक रेटिनोपैथी से पीड़ित बताते हुए तत्काल आंखों के ऑपरेशन की सलाह दी।

संदीप का परीक्षण किया गया तो उसके सिर में मवाद भरा पाया गया। मेडिकल कॉलेज के सर्जन डॉ अनंत राखोंड़े ने सिर से 720 एमएल मवाद निकाली। डॉ राखोंडे ने बताया कि मवाद की वजह से वह बेहोशी की स्थिति में पहुंचा था और इसी से उसकी आंखों पर गंभीर असर हुआ और रोशनी चली गई।

संदीप जिस डायबिटिक रेटिनोपैथी नाम की बीमारी से पीड़ित पाया गया था वह बेहद खतरनाक होती है। उन्होंने कहा कि इस बीमारी में रोशनी जाने के बाद वापस आना संवभ नहीं है।

डायबिटिक रेटिनोपैथी के शुरुआती लक्षणों में आंखों का लाल होना शामिल है। हालांकि शुरुआत में डायबिटिक रेटिनोपैथी को बाहर से देखने में आसानी से नहीं समझा जा सकता। जांच के जरिए ही डायबिटिक रेटिनोपैथी को डाइग्नोज किया जा सकता है।

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