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Startup: पढें भारत में श्वेत क्रांति को बढ़ाने वाले 5 स्टार्टअप के बारे में….
Puresh Daily का। झारखण्ड की राजधानी रांची में रहने वाले दो दोस्तों, मनीष पीयूष और आदित्य कुमार ने साल 2019 में मिल्क सब्सक्रिप्शन ऐप Puresh Daily लॉन्च किया
गाय का दूध एक ऐसी आवश्यक आवश्यकता है जिसे हर हाल में पूरा करना होता ही है। सुबह की पहली चाय हो या बच्चों का पहला आहार दूध बहुत जरूरी है। पिछले कई सालों में दुनियाभर में गाय के दूध के उत्पादन की मात्रा में लगातार बढ़ोतरी हुई है। 2015 में, दुनिया भर में 497 मिलियन मीट्रिक टन गाय के दूध का उत्पादन रिकॉर्ड किया गया था। वहीं 2021 तक यह आंकड़ा बढ़कर लगभग 544 मिलियन मीट्रिक टन हो गया। आज हम आपको उन स्टार्टअप्स के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्होंने मदर डेयरी, अमूल, सरस आदि जैसे भारत भर में प्रसिद्ध डेयरी दिग्गजों के बीच अपनी जगह बनाने की कोशिश की। और काफी हद तक इसमें सफलता भी हासिल की।

इस लिस्ट में पहला नाम है Sid’s Farm का। किशोर इंदुकुरी ने IIT खड़गपुर से ग्रेजुएट करने के बाद अमेरिका की मैसाचुसेट्स यूनिवर्सिटी से पॉलिमर साइंस एंड इंजीनियरिंग में मास्टर और पीएचडी की डिग्री हासिल की। इसके बाद उन्हें वही इंटेल कंपनी में नौकरी की। करीब छह साल जब वो हैदराबाद लौटे तो उनका मन यहीं बस गया। और उन्होंने महसूस किया कि, यहां किफायती और बिना मिलावट वाले दूध के विकल्प सीमित है। और उन्हें अपना खुद का डेयरी फार्म और दूध ब्रांड शुरू करने के लिए प्रेरणा मिली। 2012 में, उन्होंने कोयंबटूर से 20 गायें खरीदीं। और हैदराबाद में एक डेयरी फार्म शुरू किया।
किशोर ने सब्सक्रिप्शन के आधार पर शहर के उपभोक्ताओं को सीधे दूध सप्लाई करना शुरू कर दिया और उनका कारोबार बढ़ने लगा। उन्होंने 2016 में, ब्रांड को आधिकारिक तौर पर Sid’s Farm के नाम से रजिस्टर कराया। किशोर ने इस फार्म का नाम अपने बेटे सिद्धार्थ के नाम पर रखा। किशोर कहते हैं किउनके ब्रांड में करीब 120 कर्मचारी हैं। और वे प्रतिदिन 10,000 से अधिक ग्राहकों को दूध सप्लाई करते हैं। साथ ही पिछले साल इस फार्म ने 44 करोड़ रुपये का कारोबार भी किया।

लिस्ट में दूसरा नाम है Puresh Daily का। झारखण्ड की राजधानी रांची में रहने वाले दो दोस्तों, मनीष पीयूष और आदित्य कुमार ने साल 2019 में मिल्क सब्सक्रिप्शन ऐप Puresh Daily लॉन्च किया। उनका स्टार्टअप गाय का ऑर्गेनिक दूध और केमिकल फ्री डेयरी प्रोडक्ट बेचता है। मनीष ने 2009 से 2017 तक 14 देशों में काम किया। वह 2017 में भारत लौटे और मुंबई में उन्होनें बतौर जनरल मैनेजर, टाटा मोटर्स जॉइन किया। और फिर जॉब छोड़कर आदित्य से मुलाकात कर सबसे पहले कोडिंग सीखी, और सर्वाइव करने के लिए सॉफ्टवेयर बनाया। इसके बाद दोनों को झारखंड में एक मिल्क प्रोसेसिंग कंपनी के लिए सॉफ्टवेयर डेवलप करने का प्रोजेक्ट मिला।
जनवरी 2019 में रांची में घर-घर दूध की डिलीवरी करने के साथ Puresh Daily की शुरुआत की। इसके लिए उन्होंने 10-15 लाख रुपये का निवेश कियाष स्टार्टअप अपने खेत पर उगाए जाने वाले रासायनिक मुक्त मिठाई, पनीर, गाय का घी, दही, और सब्जियां और फल भी बेचता है। पौष्टिक दूध सुनिश्चित करने के लिए, Puresh Daily अपनी गायों को खेत की सब्जियां और जड़ी-बूटियों खिलाती है। वर्तमान में, Puresh के पास लगभग 80-100 गाय हैं, और 40+ लोगों की एक टीम है। शुरुआती छह महीनों के भीतर ही Puresh कंपनी ने मुनाफा कमाया। और एक साल में ही इसने 1.2 करोड़ रुपये का रेवेन्यू हासिल किया। दावें के मुताबिक, Puresh Daily प्रति दिन 1,500 से अधिक ग्राहकों को दूध डिलीवर करता है।

लिस्ट में तीसरा नाम है NutriMoo का। गुरुग्राम में 1 मई, 2016 को लॉन्च की गई कंपनी क्रेडेंस होल फूड्स प्राइवेट लिमिटेड NutriMoo ब्रांड नाम से डेयरी प्रोडक्ट तैयार करती है। दो दोस्तों अमित शर्मा और अजय यादव ने मिलकर स्टार्टअप की शुरुआत की। बताते हैं कि, NutriMoo में 50+ कर्मचारियों की एक टीम है। ये कंपनी 100 प्रतिशत शुद्ध, ताजा, हार्मोन-फ्री और बिना किसी मिलावट के प्रोडक्ट्स तैयार करने का दावा करती है। यह ब्रांड गाय का घी, देसी घी, शहद, दही, ताजा पनीर, छाछ आदि भी बेचता है। इतना ही नहीं Nutrimoo सोर्सिंग, प्रोडक्शन और ताजगी सुनिश्चित करने के लिए टाइट क्वालिटी कंट्रोल और जितना संभव हो उतना कम समय रखने का दावा करता है। यह ब्रांड वर्तमान में एंड्रॉइड और आईओएस यूजर्स के लिए उपलब्ध अपनी वेबसाइट और मोबाइल ऐप के साथ-साथ प्रमुख ऑनलाइन पोर्टल्स – Amazon, Flipkart, Swiggy और Bigbasket के जरिए बेचता है।

लिस्ट में चौथा नाम है Osam Dairy का। झारखंड के रांची में स्थित Osam की शुरुआत चार दोस्तों ने मिलकर 2012 में की थी। इधर बिजनेस शुरू होने के बाद दो दोस्त बीच में ही इसे छोड़कर चले गए। जिसके बाद कंपनी लगभग दो बार दिवालिया हो गयी। इसके बावजूद कंपनी ने वापसी की और आज यह झारखंड की सबसे तेजी से उभरती प्राइवेट डेयरी कंपनियों में से एक है। दपअसल Osam Dairy का उद्देश्य झारखंड और बिहार के किसानों से सीधे दूध खरीदकर उसे चिल और प्रॉसेस करने के बाद रिटेलर्स को बेचना है। Osam Dairy के सीईओ अभिनव शाह बताते हैं कि, “हम सभी फाउंडर्स ने बिजनेस को शुरू करने के लिए 2 करोड़ रुपये की अपनी व्यक्तिगत पूंजी निवेश की। हम कुरियन के किसानों को ग्राहकों से जोड़ने के मॉडल से प्रभावित थे.”

लिस्ट में आखिरी और पांचवा नाम है Organiko-Beautifying Life का। दिल्ली स्थित Organiko-Beautifying Life की फाउंडर पूजा कौल, डॉन्की मिल्क से साबुन बना रही हैं। पूजा ने बताया कि, जब वो पढ़ाई कर रही थीं। तब उन्हें डेयरी सेक्टर में कुछ नया करने का प्रोजेक्ट मिला। उसी दौरान डॉन्की मिल्क पर अध्ययन करते हुए उन्हें आइडिया मिला कि डॉन्की मिल्क पर स्टार्टअप भी शुरू किया जा सकता है। हालांकि, डॉन्की मिल्क से साबुन बनाना आसान नहीं है। इसके लिए पहले डॉन्की पालन से जुड़कर उसे समझाना पड़ता है। दूसरी कठिनाई ये है कि डॉन्की मिल्क सुबह 4 बजे से 6 बजे के बीच ही कलेक्ट कर उसे 10 घंटे के अंदर ही इस्तेमाल कर लेना होता है। इसलिए जिस दिन, जिस वक़्त दूध निकाला जाता है, उसका प्रॉडक्शन भी उसी दिन कर लेना होता है नहीं तो दूध बेकार हो जाता है और लागत भी नहीं निकल पाती है। बावजूद इन सब परेशानियों के पूजा ऑर्गेनिक डॉन्की मिल्क के साबुन मार्केट में बेच रहीं हैं।