
कोरोना की दूसरी लहर पर भारी पड़ा दिल्ली का लॉकडाउन मॉडल
कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहराने के बाद दिल्ली के हाल बेहाल हो गए थे राज्य में ऑक्सीजन की कमी के साथ-साथ अस्पतालों में बेड की भी कमी देखने को मिल रही थी हजारों लोगों ने कोरोना वायरस से जूझते हुए अपना दम तोड़ दिया जिसको देखते हुए दिल्ली स्वास्थ्य विभाग के पसीने छूटे नजर आ रहे थे दिल्ली में तेजी से बढ़ रहे मामले लोगों को काफी परेशान कर रहे थे हालांकि जिसके बाद सरकार को लॉकडाउन लगाने का फैसला लेना पड़ा.
यह भी पढ़े : कौन हैं विजय शेखर शर्मा जिन्होंने खड़ी कर दी $2.35 बिलियन की कंपनी

दिल्ली में लॉकडाउन लगने के बाद से आंकड़ों में गिरावट देखने को मिलने लगी साथ ही रिकवरी रेट भी काफी तेजी से बढ़ने लगा ऐसे में दिल्ली की सत्ता में बैठे अरविंद केजरीवाल के दिल्ली लॉकडाउन मॉडल की काफी तारीफ हो रही है मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का यह मॉडल की दूसरी लहर पर भारी पड़ रहा है दिल्ली में अब भारी गिरावट देखने को मिली है साथ ही कोरोना से स्थिति दोबारा खराब ना हो जाए इसलिए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने लॉकडाउन को 1 हफ्ते और आगे बढ़ाने का फैसला लिया है.
क्या कहते हैं आंकड़े ?
दिल्ली में संक्रमण दर 32-34 फीसदी से घटकर 11.32 फीसदी पर आ गई है। रोज नये संक्रमितों की संख्या भी घटकर 6430 पर आ गई है। कोरोना से हो रही मौतें सरकार के लिए चिंता का कारण बनी हुई हैं, लेकिन जिस तरह से सरकार की तैयारी चल रही है, उसे देखते हुए लगता है कि जल्दी ही इस समस्या पर भी जीत हासिल कर ली जायेगी।
यह भी पढ़े : कौन हैं विजय शेखर शर्मा जिन्होंने खड़ी कर दी $2.35 बिलियन की कंपनी
बढ़ गई है बर्ड्स की क्षमता
आपको जानकारी हो कि कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर से पहले राजधानी दिल्ली में 6-7 हजार की संख्या में ही अस्पतालों में बर्ड्स मौजूद थे जिसकी वजह से दिल्ली में संक्रमित मरीजों को काफी बुरी हालातों से गुजर ना पढ़ा और कई लोगों ने अपनी जान भी गंवा दी लेकिन अब मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अगुवाई में दिल्ली के पास 25608 गुना बैठे हैं मुख्यमंत्री ने इस पर कहा कि अगर तीसरी लहर में प्रतिदिन 30000 नए मामले भी सामने आएंगे तो उस स्थिति में हम किसी लहर से निपटने में पूरी तरीके से सक्षम है.