चीन के साथ LAC पर बढ़ते तनाव को लेकर रक्षा मंत्री ने पूर्व रक्षा मंत्रियों के साथ की बैठक
बैठक में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत ने पूर्व रक्षा मंत्रियों को चीन और भारत के बॉर्डर पर चल रहे संघर्ष के बारे में दी जानकारियां।
नई दिल्ली। भारत का चीन के साथ चल रहे संघर्ष के बीच में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह पूर्व रक्षा मंत्री ए.के एंटनी और शरद पवार के साथ आज बैठक की। रक्षा मंत्रियों की इस बैठक में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत ने पूर्व रक्षा मंत्रियों को चीन और भारत के बॉर्डर पर चल रहे संघर्ष के बारे में जानकारियां दी। अपने पाठकों को हम बता दें कि हाल ही के कुछ दिनों से भारत और चीन के सीमा पर चीन सेना के जमावड़े को लेकर कांग्रेस लगातार हमलावर हुए है।
एकतरफा बदलाव स्वीकार नहीं:
इस पूरे मामले पर भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बुधवार को दुशांबे में चीनी विदेश मंत्री वांग यी से मुलाकात भी की है और पूर्वी लद्दाख में एलएसी से संबंधित परेशानियों के समाधान पर भी बात करी। जिसके बाद विदेश मंत्री ने मीडिया से वार्ता में बताया कि उन्होंने चीनी विदेश मंत्री वांग से सीमा पर यथास्थिति में एकतरफा बदलाव स्वीकार ना करने की बात भी की है।
एस जयशंकर ने चीनी विदेश मंत्री से की मुलाकात:
शंघाई सहयोग संगठन की विदेश मंत्रिमंडल की बैठक के बीच रूबरू हुए दोनों ही विदेश मंत्रियों ने जल्द ही वरिष्ठ सैन्य कमांडरों की बैठक बुलाने पर सहमति जताई है। इस पूरे मामले पर भारत का कहना है कि दोनों देशों के संबंधों मैं विकास के लिए बॉर्डर पर शांति बेहद आवश्यक है। ऐसे में बॉर्डर पर एक तरफा बदलाव हमें कतई स्वीकार नहीं।
चीन के साथ भारत के विश्व में नहीं हो रहा सुधार:
आपको बता दें कि भारत और चीन के बीच एलएसी पर चल रहा तनाव थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस तनाव के बीच चीन ने फिर से एलएसी के करीब अपनी सेना के लिए स्थाई ढांचा बनाना शुरू कर दिया है। जिससे, चीन की सेना भारत के विवादित इलाकों में थोड़ी देर में ही पहुंच सके। इस ढांचे की वजह से पिछले साल चीन और भारतीय सेना के बीच जमकर झड़प भी हुई थी।
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