किसान महापंचायत को लेकर कोर्ट ने जारी किया आदेश, किसानों द्वारा नुकसान पहुंचाने पर पुलिस कर सकती है कार्रवाई
कोर्ट द्वारा जारी आदेश के तहत अगर किसानों द्वारा किसान महापंचायत के दौरान हाईवे या सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने पर पुलिस प्रशासन आवश्यक कार्रवाई को अमल में ला सकती है।
नई दिल्ली : मुज़फ्फरनगर में किसानों द्वारा हो रही किसान महापंचायत शांत होती नहीं दिख रही है। सात सितम्बर को किसान महापंचायत के तहत आहुत लघु सचिवालय के घेराव को देखते हुए शहर में किसी भी प्रकार आम जनता को परेशानी ना आए, इसके लिए कोर्ट ने आदेश जारी किया है। कोर्ट द्वारा जारी आदेश के तहत अगर किसानों द्वारा हाईवे या सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने जायेगा तो पुलिस प्रशासन आवश्यक कार्रवाई को अमल में लाए।
आपको बता दें कि शहर के ही निवासी रणदीप ने करनाल सिविल कोर्ट में न्यायाधीश सिविल जज सीनियर डिवीजन हरीश गोयल की कोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी।
इस याचिका की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने आदेश दिए हैं कि भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी, चढ़ूनी ग्रुप के जिलाध्यक्ष अजय राणा, भारतीय किसान यूनियन मान ग्रुप के प्रदेश अध्यक्ष रतन सिंह मान, भारतीय किसान यूनियन केहर सिंह ग्रुप के प्रदेश अध्यक्ष केहर सिंह आर्य, अन्नदाता किसान संगठन के गुरमुख सिंह तथा गन्ना संघर्ष समिति के प्रधान रामपाल चहल की ओर से सात सितंबर को किसान संगठन शांतिपूर्ण ढंग से प्रदर्शन करते हैं तो जिला प्रशासन प्रदर्शन का स्थान दे सकता है।
न्यायालय ने स्पष्ट किया है कि यदि नेशनल हाईवे, स्टेट हाईवे, अन्य स्थानीय सड़क, शहर की गलियाें और आम आदमी के मकान के साथ लघु सचिवालय, न्यायालय परिसर, सार्वजनिक सम्पत्ति आदि को नुकसान पहुंचाया जाता है तो पुलिस अधीक्षक गंगाराम पूनिया व जिला उपायुक्त निशांतयादव शांति बनाए रखने के लिए इन्हें ऐसा करने से रोक सकते हैं। किसी भी व्यक्ति को इस दौरान शांति भंग करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
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