
जानिए क्या है पीएम कुसुम योजना, जिससे किसानों को मिलेगी आर्थिक सहायता
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने खिलाफ किसानों को दी जाने वाली आर्थिक सुरक्षा का दुरुपयोग करना शुरू कर दिया है। पिछले एक साल से चल रहा किसान आंदोलन इसका गवाह है। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों को वित्तीय सुरक्षा और निर्बाध बिजली आपूर्ति प्रदान करने के लिए प्रधान मंत्री कुसुम योजना की शुरुआत की, जिससे किसानों को लाभ हुआ।
किसानों के लिए कई प्रावधान
पीएम कुसुम योजना केंद्र की सत्तारूढ़ नरेंद्र मोदी सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है, जिसके तहत किसानों को सोलर पंप लगाने के लिए भारी सरकारी सहायता मिलती है। इसके तहत किसानों के लिए सोलर पंप और अन्य ग्रिड से जुड़े सोलर पावर प्रोजेक्ट लगाने का प्रावधान किया गया है। 2019 में, नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने प्रधान मंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा और उत्थान अभियान शुरू किया, जिसे प्रधान मंत्री कुसुम योजना कहा गया। जिसके तहत किसानों को सोलर पंप लगाने पर छूट मिलती है।
कौन होगा पात्र
केवल वे ही इस योजना का लाभ उठा सकते हैं जिन्होंने अपनी जमीन को पट्टे पर देने के लिए पंजीकरण कराया है। आरआरईसी द्वारा आधिकारिक वेबसाइट पर आवेदक का नाम दिया जाएगा। यदि आवेदक का नाम RREC की वेबसाइट पर दिया गया है तो आप कुसुम योजना का लाभ उठा सकते हैं। इस योजना के तहत, आवेदक को सौर ऊर्जा परियोजना के लिए आवेदन करने के लिए ₹ 5000 प्रति मेगावाट की दर से एक आवेदन शुल्क और जीएसटी का भुगतान करना होगा। जो डिमांड ड्राफ्ट के रूप में किया जाएगा।
योजना का मुख्य उद्देश्य
भारत में कई राज्य सूखे की मार झेल रहे हैं, इसलिए वहां खेती करने वाले किसानों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। इसलिए केंद्र सरकार ने किसानों की समस्याओं को देखते हुए प्रधानमंत्री कुसुम योजना शुरू की है। इसका मुख्य उद्देश्य देश के किसानों को मुफ्त बिजली उपलब्ध कराना है। इस योजना के तहत किसानों को सिंचाई के लिए सोलर पैनल की सुविधा प्रदान की जाती है। प्रधानमंत्री कुसुम योजना से किसानों को दोहरा लाभ होगा और उनकी आय में भी वृद्धि होगी। किसान अगर ज्यादा बिजली पैदा कर उसे ग्रिड में भेजेंगे तो उन्हें भी फायदा होगा।
देश के लाखों किसानों को अधिकतम लाभ प्रदान करने के लिए 13 नवंबर 2020 को ऊर्जा मंत्रालय और केंद्र सरकार द्वारा योजना का दायरा बढ़ा दिया गया है। इस दायरे के तहत देश में किसानों को नए आवंटन किए जाएंगे। इसके बाद किसान अपनी बिजली परियोजना शुरू कर सकेंगे। ऊर्जा मंत्रालय की घोषणा के अनुसार, सौर ऊर्जा संयंत्र अब बंजर, परती, कृषि भूमि, घास के मैदान और आर्द्रभूमि पर स्थापित किए जा सकते हैं। मंत्रालय के अनुसार छोटे किसान भी योजना का लाभ उठा सकते हैं। छोटे किसानों की मदद के लिए राज्य सरकार 500 किलोवाट से कम क्षमता वाली परियोजनाओं को मंजूरी दे सकती है।