प्रदेश में विद्युत व्यवस्था को सुधारने के लिए हो रहा सबसे बड़ा निवेश
आरडीएसएस स्कीम के तहत 65 हजार करोड़ से ज्यादा के कार्यों का प्रस्ताव
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के विद्युत ढांचे को और बेहतर बनाने के लिए योगी सरकार प्रतिबद्धता के साथ काम कर रही है। विद्युत व्यवस्था के सुदृढ़ीकरण के लिए भारत सरकार द्वारा संचालित रिवैम्प डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम (आरडीएसएस) के तहत प्रदेश में आजादी के बाद से सबसे बड़ा निवेश किया जा रहा है। इसी क्रम में 65 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा के कार्यों का प्रस्ताव अक्टूबर में अनुमोदन के लिए प्रेषित किया जाना है। इसमें 60 प्रतिशत राशि केंद्र सरकार से तो शेष 40 प्रतिशत राशि राज्य सरकार द्वारा वहन की जाएगी। योजना के पूर्ण होने के बाद प्रदेश की विद्युत व्यवस्था का स्वरूप पूरी तरह व्यवस्थित हो जाएगा। इससे उपभोक्ताओं को उच्च गुणवत्ता युक्त निर्बाध विद्युत प्राप्त होगी।
बड़े पैमाने पर हो रहे हैं कार्य
प्रदेश की विद्युत व्यवस्था बेहतर हो इसके लिए विद्युत इंफ्रास्ट्रक्चर का बेहतर होना आवश्यक है। इसी लक्ष्य को लेकर योगी सरकार ने आरडीएसएस को व्यापक स्तर पर प्रदेश में लागू किया है। इस योजना की कार्यान्वयन अवधि 2021-22 से 2025-26 तक है। इसके तहत वर्ष 2024-25 तक वितरण हानियों को 12-15 प्रतिशत तक लाने का लक्ष्य है। योजना के अंतर्गत प्रदेश में विद्युत तंत्र के आधुनिकीकरण के लिए 65,457.20 करोड़ के कार्यों का प्रस्ताव अक्टूबर 2023 में अनुमोदन के लिए प्रेषित किया जाना है। इसमें प्रस्तावित धनराशि का 60 प्रतिशत 39274.32 करोड़ भारत सरकार से अनुदान स्वरूप तथा शेष 40 प्रतिशत 26182.88 करोड़ का वित्त पोषण राज्य सरकार एवं वितरण निगम द्वारा किया जाएगा।
आधुनिकीकरण के प्रस्तावित मुख्य कार्यों में 1175 नग नए 33/11 केवी उपकेंद्रों का निर्माण, 2002 नग 33/11 केवी उपकेंद्रों की क्षमता वृद्धि, लगभग 22 हजार किमी नई 33 केवी लाइनों का निर्माण, 115704 वितरण परिवर्तकों की स्थापना, लगभग 44 हजार किमी 11 केवी लाइन का निर्माण, लगभग 57 हजार किमी एलटी लाइन का निर्माण, 151576 वितरण परिवर्तकों की क्षमतावृद्धि का कार्य तथा शहरी क्षेत्र में 17 नग स्काडा एवं डीएमएस का कार्य किया जाना है।
वितरण हानियों को कम करने पर है फोकस
योजना के प्रमुख कार्यों में वितरण हानियों को कम करने के कार्य और लॉस रिडक्शन स्मार्ट मीटरिंग एवं विद्युत तंत्र के आधुनिकीकरण के कार्य सम्मिलित हैं। विद्युत तंत्र के सुदृढ़ीकरण एवं वितरण हानियों को कम करने के लिए भारत सरकार द्वारा कुल 16,498.51 करोड़ रुपए की स्वीकृति प्रदान की गई है जिसमें स्वीकृत धनराशि का 60 प्रतिशत यानी 9,899.17 करोड़ रुपए भारत सरकार द्वारा अनुदान स्वरूप तथा शेष 40 प्रतिशत 6,599.44 करोड़ रुपए का वित्त पोषण राज्य सरकार एवं वितरण निगम द्वारा किया जाएगा। लॉस रिडक्शन के मुख्य कार्यों में उपभोक्ताओं को संयोजन निर्गत करने में 271 लाख किमी. आर्मर्ड केबलिंग का उपयोग, एक्सएलपीई आर्मर्ड केबल से 15 हजार किमी एलटी लाइन का निर्माण, 1.18 लाख किमी एबी केबल से खुले तारों की एलटी लाइन की प्रतिस्थापना और 35 हजार किमी 11 केवी लाइनों का विस्तार एवं सुदृढीकरण, 16 हजार किमी 11 केवी फीडर विभक्तीकरण का कार्य किए जाने हैं।
2.69 करोड़ उपभोक्ताओं के परिसरों में स्थापित किए जा रहे स्मार्ट प्रीपेड मीटर
इसके अतिरिक्त प्रदेश में कुल 2.69 करोड़ उपभोक्ताओं के परिसरों में स्मार्ट प्रीपेड मीटर की स्थापना, वितरण परिवर्तकों पर कुल 15.26 लाख स्मार्ट मीटरों की स्थापना तथा 20874 नग फीडरों पर स्मार्ट मीटर की स्थापना किया जाना है। मीटरिंग के कार्य के लिए भारत सरकार द्वारा कुल 18,885.48 करोड़ रुपए की स्वीकृति प्रदान गई है, जिसमें स्वीकृत धनराशि की 15 प्रतिशत धनराशि यानी 2832.82 करोड़ अनुदान स्वरूप तथा शेष 16,052.66 करोड़ का वित्त पोषण राज्य सरकार एवं वितरण निगम द्वारा किया जाएगा। उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन के अध्यक्ष डॉ आशीष कुमार गोयल योजना के अंतर्गत हो रहे कार्यों की लगातार समीक्षा कर रहे हैं। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया है कि किए जा रहे सभी कार्य समयबद्ध हों तथा उनकी गुणवत्ता का विषेश ध्यान रखा जाए।