
गांव पहुंचते ही पुरानी यादों में खो गए महामहिम, अपने प्रधानाचार्य को किया याद
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद सर्किट हाउस से रवाना होकर रविवार सुबह करीब 09:05 बजे एयरफोर्स के हेलीकॉप्टर से अपने पैतृक गांव परौंख पहुंचे। परौंख गांव के लोग अपने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मिलने की आस से आनंदित हो रहे हैं। स्वागत में पलक पावड़े बिछाए ग्रामवासी घर-घर में घी के दीप जलाए।
परौंख गांव पहुंचते ही राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद सबसे पहले पथरी देवी मंदिर पहुंचे। उनके साथ उनकी पत्नी सविता कोविंद और उनकी बेटी भी मौजूद रहीं। CM योगी आदित्यनाथ और राज्यपाल आनंदीबेन पटेल भी उनके साथ मंदिर पहुंचीं। राष्ट्रपति ने पथरी देवी मंदिर में माथा टेका और परिक्रमा की।
करीब 15 मिनट तक विधि-विधान से पंडित कृष्ण कुमार बाजपेई ने पूजा संपन्न कराई। महामहिम इस मौके पर फल-मिष्ठान अपने साथ ही लाए थे। राष्ट्रपति ने देवी के चरणों में 11 हजार रुपये अर्पित किए। पुजारी को 11 सौ रुपये भेंट दी। राष्ट्रपति ने इस मौके पर अपनी बेटी, मुख्यमंत्री और राज्यपाल को पथरी देवी मंदिर के महत्व और अपने पिता द्वारा की गई देखरेख के बारे में भी बताया।
कानपुर देहात में मेडिकल कॉलेज की स्वीकृति मिल गई है। CM योगी ने इसकी घोषणा की। साथ ही सीएम ने कहा कि यूपी में आज से बच्चों के लिए मेडिसिन किट का वितरण होगा। कोरोना का खतरा अभी टला नहीं है।
परौंख में जनसभा स्थल मंच से राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में कहा कि मेरे आने से जितनी खुशी आपको है, उससे ज्यादा खुशी मुझे है। इसीलिए हेलीकॉप्टर से उतरकर अपनी धरती को चरण स्पर्श किया। कहा कि इस बार आने में जितना देर हुई, कोशिश होगी कि अगली बार इतनी देर न हो।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि मैं आपके जैसा नागरिक हूं, बस संविधान में मुझे प्रथम नागरिक का दर्जा है। सपने में नहीं सोचा था कि राष्ट्रपति बनकर सेवा करूंगा। प्रधानमंत्री तो यूपी ने बहुत दिए लेकिन राष्ट्रपति यूपी से पहला है। अब यूपी वालों के लिए भी राष्ट्रपति बनने का रास्ता खुल गया है। गांव में पक्के मकान बन गए, रोहनिया बाजार देखकर अच्छा लगा। राष्ट्रपति ने कहा कि मेरे सहपाठी जसवंत सिंह, चंद्रभान सिंह, दशरथ सिंह बहुत याद आते हैं।