
रांची के इस फर्जी आइएएस ने बॉडीगार्ड से लेकर मुहर तक सबका कर रखा था इंतजाम, फूटा भांडा
पिछले कई वर्षों से आइएएस की परीक्षा की तैयारी कर रही मोनिका को कामयाबी भले नहीं मिली, लेकिन उसने खुद से आइएएस अफसर का रुतबा जरूर ओढ़ लिया।
रांची के सबसे पॉश इलाके अशोक नगर में आइएएस बनकर रह रही मोनिका की कहानी अपने आप में बेहद दिलचस्प है। पिछले कई वर्षों से आइएएस की परीक्षा की तैयारी कर रही मोनिका को कामयाबी भले नहीं मिली, लेकिन उसने खुद से आइएएस अफसर का रुतबा जरूर ओढ़ लिया।
उसने वो तमाम इंतजाम कर रखे थे कि एक आइएएस के तौर पर रौब-दाब में कोई कसर बाकी न रह जाए। बॉडीगार्ड, रसोईया, ड्राइवर, नेम प्लेट, मुहर और लेटरपैड- सब कुछ जुटा रखा था उसने।
खुद को जमशेदपुर में पोस्टेड असिस्टेंट कलेक्टर बता कर अशोक नगर में एक डॉक्टर का मकान किराए पर ले रखा था। पर उसे शायद ही इस बात का इल्म रहा हो कि कुछ ही दिनों में उसकी कलई उतर जाएगी।
बता दें कि मोनिका नाम की इस लड़की को अरगोड़ा थाने की पुलिस ने आज हिरासत में लिया है। पुलिस की जांच में यह बात सामने आई है कि मोनिका फर्जी आइएएस बन कर मकान संख्या C/06 में रह रही थी। यह डॉ डीके राय का है। जिस घर में रह रही थी उस घर पर मोनिका ने अपना नेम प्लेट लगा रखा था।
मोनिका ने अपने घर के मालिक डीके राय को बताया था कि वह प्रशिक्षु आइएएस अफसर हैं और फिलहाल उसकी तैनाती जमशेदपुर में असिस्टेंट कलेक्टर के रूप में है। डॉ डीके राय को मोनिका की गतिविधियां संदिग्ध लगीं।
कई बार पूछताछ करने पर मोनिका उन्हें यही बताती कि फिलहाल वह छुट्टी पर हैं, इसलिए जमशेदपुर नहीं जा रही हैं। शक होने पर मामले की जानकारी अरगोड़ा थाने को दी गई।
डीके राय ने इस खबर की सूचना अरगोड़ा थाना प्रभारी विनोद की दी। डीके राय ने कहा कि भारतीय प्रशासनिक सेवा 2020 बैच की अधिकारी बनकर एक युवती रह रही है, लेकिन वह भारतीय प्रशासनिक सेवा की अधिकारी प्रतीत नहीं होती है। अक्सर युवती अपने साथ दो-तीन लोगों को लेकर घूमती है और उनके द्वारा इस्तेमाल की जा रही गाड़ी में झारखंड सरकार का लोगो भी लगा है, लेकिन उसका आचरण संदिग्ध है।
अरगोड़ा थाना प्रभारी ने विनोद कुमार ने अपने वरीय अधिकारियों को पूरे मामले की जानकारी दी और फिर मामले की जांच शुरू कर दी। अरगोड़ा थाने की पुलिस पिछले 2 दिन से रेकी कर रही थी। रेकी करने पर अरगोड़ा थाना प्रभारी को मोनिका के गतिविधियों पर शक हुआ। अरगोड़ा थाना प्रभारी महिला पुलिस कर्मियों के साथ मोनिका के घर पहुंच गई।
पुलिस को देखकर मोनिका घबरा गई। जब पुलिसकर्मियों ने उससे पूछा कि आप की पोस्टिंग कहां है तो उसने बताया कि वह 2020 बैच की आईएएस अधिकारी हैं और वर्तमान में असिस्टेंट कलेक्टर के रूप में जमशेदपुर में पदस्थापित हैं।
महिला पुलिसकर्मियों ने मोनिका से पहचान पत्र मांगा, लेकिन वह आधार कार्ड के अलावे कोई भी पहचान पत्र नहीं दे पाई, जिसके बाद पुलिस वालों ने उससे सब कुछ साफ-साफ बताने को कहा।
पुलिस की दबिश की वजह से मोनिका टूट गई और उसने पूरी कहानी सामने रख दी। अरगोड़ा थाना प्रभारी विनोद ने बताया कि मोनिका यूपीएससी की तैयारी करने दिल्ली गई थी और तैयारी करने के दौरान ही अपने आप को आईएएस बता कर प्रजेंट कर रही थी। पुलिस ने बताया कि मोनिका अपने दोस्तों के साथ अपने घर आई तो अपने घर पर लगे नेम प्लेट को दिखा रही थी।
जिसके बाद मकान मालिक को मोनिका पर संदेह हुआ और मकान मालिक डीके राय ने इस घटना की सूचना थाने को दी। पुलिस इस मामले में फिलहाल जांच कर रही है। अरगोड़ा थाना प्रभारी विनोद ने बताया कि अब तक की जांच में मोनिका से संबंधित कोई भी आपराधिक घटना सामने नहीं आई है और जल्द ही इस मामले की सच्चाई पता लगा लिया जाएगा।