
Chhattisgarh: सूरजपुर जिले में कुएं में गिरा भालू, लोगो ने ऐसे बचाई जान
Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिले के ब्लाक मुख्यालय ओड़गी से लगे ग्राम धूर में कुएं में गिरे भालू को वन विभाग की टीम ने ग्रामीणों की मदद से सुरक्षित बाहर निकाल लिया।
छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में भालू की जान बचाने के साथ रेस्क्यू आपरेशन में लगे वन कर्मचारियों और ग्रामीणों को खुद की भी सुरक्षा करनी थी। करीब 4 घंटे तक चले रेस्क्यू आपरेशन में भालू की भी जान बच गई और अच्छी बात यह रही कि इंसानों को भी भालू से कोई नुकसान नहीं हुआ।
बुधवार की सुबह करीब तीन बजे ग्राम धूर निवासी बाबूलाल यादव के घर से लगे कुएं के पास भालू के चिल्लाने की आवाज सुनाई दे रही थी। कुएं में एक भालू के गिरने तथा ऊपर एक भालू के जोर-जोर से चिल्लाने का स्पष्ट आभास हो रहा था।
बाबूलाल यादव ने क्षेत्र के जनपद सदस्य राजेश तिवारी को सूचना दी। भय था कि कुएं में गिरे भालू की मौत न हो जाए इधर ऊपर घूम रहे भालू के अधिक आक्रामक होकर भोर में इंसानों पर हमला करने की आशंका बढ़ गई थी। ऐसे में सुबह-सुबह ही भालू को सुरक्षित तरीके से बाहर निकाल लेने की योजना पर काम शुरू किया गया।
सुबह 4 बजे तक वन अधिकारी, कर्मचारी मौके पर पहुंच गए थे, उसके पहले ही गांव वालों ने दो तीन लंबा बांस कुएं में डाल दिया था भालू बांस के सहारे बाहर निकलने की कोशिश करता था लेकिन थोड़ा ऊपर आने के बाद वह फिर नीचे गिर जाता था ऐसे में फैसला लिया गया कि भालू को आराम करने का मौका दिया जाना चाहिए। इसके लिए चारपाई अच्छा विकल्प था।
एक चारपाई को कुएं में रस्सियों के सहारे बांध कर उतारा गया, उसमें मौका मिलते ही भालू बैठ गया। वह थक चुका था। वन कर्मचारियों ने भालू को आराम करने दिया। उसे बाहर निकालने कोई कोशिश नहीं हुई। धीरे-धीरे दो सीढ़ी चारपाई के पास लगाई गई। कुछ बांस भी बांधे गए।
इधर कुएं के पास से लोग दूर चले गए ताकि भालू इंसानो को देख विचलित न हो और बाहर निकलने के बाद किसी पर हमला न कर सकें। मौका पाकर भालू चारपाई से सीढ़ी पर आ गया और धीरे-धीरे ऊपर चढ़कर तेजी से जंगल की ओर चला गया । 4 घंटे के भीतर भालू को सुरक्षित बाहर निकालने में गांव वालों ने भी मदद वन कर्मचारियों को मिली।