ब्राजील के राष्ट्रपति कोवैक्सीन डील में फंसे, जांच को शीर्ष अदालत ने दी मंजूरी
बोलसोनारो ने सीनेट की समिति द्वारा सरकार की कोविड-19 प्रतिक्रिया की जांच करने को राष्ट्रीय शर्मिंदगी कहा।
ब्राजील के राष्ट्रपति जेयर बोलसोनारो मुसीबत में घिरते हुए नजर आ रहे हैं। ब्राजील के राष्ट्रपति जेयर बोलसोनारो भारत के साथ डील मामले में फंस सकते हैं। बोलसेनारो के खिलाफ इस मामले पर जांच हो सकती है। गौरतलब है कि भारतीय कंपनी भारत बायोटेक की कोरोना वैक्सीन कोवैक्सीन की डील की वजह से उनके खिलाफ जांच हो सकती है। सुप्रीम कोर्ट ने टॉप प्रॉसिक्यूटर ऑफिस को इस जांच की अनुमति दी है।
खबरों के मुताबिक, शुक्रवार को ब्राजील की शीर्ष अदालत के जस्टिस रोसा वीबर ने इसकी मंजूरी दे दी है। कोरोना वैक्सीन की खरीद से जुड़े समझौते में भ्रष्टाचार की खबरों पर बोलसोनारो ने ध्यान नहीं दिया, जिसकी वजह से उनके खिलाफ लोगों का रुख कड़ा हो गया। आरोपों की वजह से उनके शासन पर खतरा बढ़ गया है। उनपर आपराधिक आरोप लगाए जाने की अनुशंसा भी शामिल है।
इन आरोपों ने विपक्ष के महाभियोग अभियान को गति दे दी है। बोलसोनारो ने सीनेट की समिति द्वारा सरकार की कोविड-19 प्रतिक्रिया की जांच करने को राष्ट्रीय शर्मिंदगी कहा। दो महीनों से राष्ट्रीय स्तर पर प्रसारित सुनवाई मुख्य तौर पर इस बात पर केंद्रित थीं कि उनके स्वास्थ्य मंत्रालय ने वैक्सीन को खरीदने के अवसरों को नजरअंदाज क्यों किया, जबकि बोलसोनारो ने मलेरिया की दवा, हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन की लगातार वकालत की है।
इसे स्टडी में कोविड-19 के इलाज में बेअसर बताया गया है। वहीं स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारी ने कहा कि उन्हें भारतीय फार्मास्यूटिकल ‘भारत बायोटेक’ के कोवैक्सीन के आयात को मंजूरी देने के लिए दबाव का सामना करना पड़ा। सिंगापुर स्थित कंपनी को किए गए 4.5 करोड़ डॉलर के अग्रिम भुगतान में अनियमिततााएं थीं।
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