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बिहार : शिक्षा विभाग ने लांच किया एक नया पोर्टल, लाखों बच्चो को मिलेगा स्कॉलरशिप का अवसर

बिहार के छात्रों के लिए एक अच्छी खबर। राज्य के शिक्षा विभाग ने लाखों छात्रो को स्कालरशिप देने के लिए एक पोर्टल की शुरुआत की हैं। यह पोर्टल एनआईसी की मदद से तैयार किया गया हैं। राज्य के अनुसूचित जाति-जनजाति, पिछड़ा एवं अतिपिछड़ा वर्ग के सभी बच्चे इस योजना का लाभ उठा सकते हैं।

छात्रों को बस नेशनल स्कॉलरशिप पोर्टल पर एक फॉर्म भरना होगा और एक माह के अंदर उन्हें राशि मिल जाएगी। 10वी कक्षा की पढ़ाई के बाद सारे छात्र इस पोर्टल से लाभ ले सकते हैं।

यह पोर्टल शुक्रवार को लांच किया गया। इस खुशी के मौके पर शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने बताया की यह योजना तीन-चार साल से चल रही है। कई गरीब घरों के मेधावी छात्रों का इंतज़ार अब खत्म हो जाएगा। छात्रवृत्ति के लिए अब सारे छात्र पोर्टल से जानकारी ले सकते हैं। सिर्फ इतना ही नही, वर्ष 2019-20, 2020-21 और 2021-22 की लंबित छात्रवृत्ति योजना के लिए अब छात्र एक साथ आवेदन डाल सकते हैं।

गरीब घरों को इससे फायदा मिलेगा क्योंकि अब सभी बच्चों को समय पर छात्रवृत्ति की राशि मिल पाएगी। बिहार के अलावा दूसरे राज्य भी इस पोर्टल का लाभ उठा सकते हैं।

पोर्टल का लिंक www.pmsonline.bih.nic.in हैं। विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए शिक्षा मंत्री ने यह बताया कि इस पोर्टल पर एप्लीकेशन डालने के बाद राशि सीधा खाते में पहुँच जाएगी। इसमें ज्यादा से ज्यादा एक माह का समय लगेगा। आवेदन के बाद डीबीटी के माध्यम से राशि लाभार्थियों के खाते में आ जायेगी।

यह चर्चा रेणु देवी (पिछड़ा, अतिपिछड़ा वर्ग की कल्याण मंत्री) और संयोष सुमन (अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति मंत्री) की मौजूदगी में हुई थी। रेणु देवी वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से इस समारोहमरीन शामिल हुई। शिक्षा मंत्री ने बताया कि इस पोर्टल को वर्ष 2018 की स्कॉलरशिप योजना के तहत स्वीकृति मिली हैं।

अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति मंत्री संतोष सुमन ने कहा कि, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार हर मुमकिन कोशिश कर रही है गरीब बच्चो को आगे बधंर के लिए। सरकार की प्रतिबद्धता गरीब, पिछड़े बच्चों के लिए है। अनुसूचित जाति-जनजाति, पिछड़ा अति पिछड़ा पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना इस समाज के बच्चों के सपने पूरे करेगा।

उन्होंने मुख्यमंत्री और शिक्षा विभाग को धन्यवाद देते हुए कहा कि, वार्षिक आय सीमा बढ़ाकर 3 लाख सालाना कर दी गयी हैं जिससे हज़ारो बच्चों को लाभ मिलेगा। उन्होंने यह भी मांग रखी कि वार्षिक आय को और बढ़ाया जाए।

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