
संयुक्त राष्ट्र में बोले मंत्री रविशंकर प्रसाद,’डिजिटल दुनिया तक सब की पहुंच बहुत महत्वपूर्ण है’.
कोरोना वायरस संक्रमण की काल में टेक्नोलॉजी का काफी ज्यादा इस्तेमाल किया जाने लगा भारत सरकार द्वारा चलाए जा रहे डिजिटल इंडिया कैंपेन को कोरोना वायरस संक्रमण के काल में ज्यादा सफल होते देखा जा रहा है क्योंकि हर कोई डिजिटल दुनिया से जुड़ने की प्रक्रिया में शामिल हो गया है इसी के चलते electronics and information technology के मंत्री रविशंकर प्रसाद का कहना है कि तकनीक सबको सामान बनाती है ना की किसी को बांटती है.
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मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने संयुक्त राष्ट्र में कहा कि वैश्विक महामारी को covid-19 डिजिटल क्षेत्र में बंटवारे को धता बता दीया है और यह जरूरत बताई है कि डिजिटल दुनिया तक सबकी पहुंच बहुत जरूरी है यह सामाजिक समानता के लिए बहुत ज्यादा अनिवार्य है.
कोरोना संकट में दुनिया का हुआ डिजिटलीकरण
दरअसल संयुक्त राष्ट्र में मंत्री रविशंकर प्रसाद डिजिटल सहयोग और कनेक्टिविटी के मुद्दे पर चर्चा कर रहे थे इस दौरान गुरुवार को कहा कि महामारी कोविड-19 के वर्ष 2020 में पूरी दुनिया में डिजिटल बदलाव देखने को मिला है यह बदलाव इतनी तेजी से हुआ है जैसे किसी ने पहले भी कल्पना तक नहीं की थी।
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डिजिटल मतभेद को लेकर क्या बोले रविशंकर प्रसाद
संयुक्त राष्ट्र में चर्चा के दौरान केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि अब पूरा समाज डिजिटल मतभेद की समाप्ति चाहता है इसको रोना वायरस महामारी के चलते दुनिया ने तकनीक की अहमियत को सही अर्थों में पहचानना शुरू किया है इसके साथ ही समानता वाले समाज के लिए हर किसी को डिजिटल पहुंच की बहुत ज्यादा आवश्यकता है।
ऐसा इसलिए भी है क्योंकि अब हर कोई डिजिटल माध्यम से अपने काम को हल करने में आसान बना रहा है उन्होंने कहा कि तकनीक टच स्थल होती है लेकिन आधी से ज्यादा दुनिया की पांच हाई स्पीड ब्रॉडबैंड से नहीं है इसलिए अभी डिजिटल क्रांति आना बहुत जरूरी है।
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उम्मीद जताई जा रही है कि भारत के अंदर 5G जैसे नेटवर्क आने के बाद यह डिजिटलीकरण और तेजी से होना शुरू हो जाएगा और घर घर में लोग इंटरनेट की सुविधा से अपने काम को आसान बनाने में सफल साबित होंगे। केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने संयुक्त राष्ट्र में इस बात को भी रखा की कोरोना वायरस महामारी के कारण बेहतरीन तकनीकों की जरूरत महसूस हुई है शिक्षा के क्षेत्र में इसकी सबसे ज्यादा जरूरत दिखने को मिली ।
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क्या कहते हैं आंकड़े ?
संयुक्त राष्ट्र की चर्चा में उप महासचिव अमीना मोहम्मद ने भी महासभा की चर्चा में हिस्सा लेते हुए बताया कि विश्व की 3.7 अरब आबादी जिसमें ज्यादातर विकासशील देश आते हैं अब भी ऑफलाइन है इन वंचितों के भी ज्यादतर महिलाएं हैं उन्होंने कहा कि इन सभी भेदभाव के आंकड़ों को कोरोनावायरस महामारी के संकट के दौरान उजागर किया गया है।