
Madhya Pradesh: पिछले साल के मुकाबले 7 लाख एडमिशन कम हुए
Madhya Pradesh: स्कूलों में छात्रों की प्रवेश संख्या पर भी कोरोना संक्रमण का असर पड़ा है। पिछले दो साल से कोरोना के कारण निजी व सरकारी स्कूलों में बच्चों की संख्या कम हुई है। लोगों की नौकरी इस कारण चली गई तो वहीं कुछ लोगों के वेतन भी कम हो गए।
मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) में कई अभिभावकों ने इसी वजह से अपने बच्चों का एडमिशन निजी से सरकारी स्कूलों में करा दिया, तो कुछ अपने बच्चों की शिक्षा को लेकर अनमने हो गए।
यही वजह है कि मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) शैक्षणिक सत्र 2021-22 में सरकारी और निजी स्कूलों में बच्चों के एडमिशन की संख्या में कमी आई है। जहां एक करोड़ 30 लाख बच्चों ने 2021 में निजी व सरकारी स्कूलों में दाखिला लिया। वहीं एक करोड़ 37 लाख बच्चों ने 2020 में एडमिशन लिया था। यानी इस साल राज्य के निजी व सरकारी स्कूलों में करीब 7 लाख बच्चे कम हुए हैं। इस साल 1-8 कक्षा तक के सरकारी स्कूलों में 61 लाख तो निजी में 34 लाख बच्चों ने एडमिशन लिया है।
इस साल राज्य के महानगरों में सरकारी स्कूलों में एडमिशन कम हुए हैं, मंदसौर में सबसे कम और छतरपुर में सबसे ज्यादा एडमिशन हुए हैं। वहीं 2020 में कुल दाखिले एक करोड़ 25 लाख हुए थे तो 2019 में एक करोड़ 42 लाख एडमिशन हुए थे, यानि 2020 में करीब 18 लाख कम एडमिशन हुए थे। वहीं करीब 82 लाख निजी और सरकारी स्कूलों में करीब 44 लाख बच्चों ने एडमिशन लिया था। शिक्षाविदों का कहना है कि प्राइवेट स्कूलों में महंगी फीस की वजह से भी बच्चों की संख्या कम हुई है और हाई क्लास में सरकारी स्कूलों की तरफ अभिभावकों का रुझान बढ़ा है।
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