पेगासस स्पाईवेयर से की जा रही थी भारत के 300 मोबाइल नंबर्स की जासूसी
अमेरिका के अखबार द वाशिंगटन पोस्ट ने 16 अन्य मीडिया संस्थाओं के सहयोग से ‘द पेगासस प्रोजेक्ट’ नाम से एक रिपोर्ट जारी की है। इसमें उन्होंने बतया है कि एक इंवेस्टिगेटिंग कंपनी ने दावा किया है कि इजराइल की कंपनी NSO के सॉफ्टवेयर पेगासस सस्पाईवेयर द्वारा भारत के 300 मोबाइल नंबरों की जासूसी की जा रही थी। ये ही नहीं इससे दुनियाभर के करीब 50 ,000 नम्बरों की जासूसी की जा रही थी।
जिन लोगो की जासूसी की जा रही थी उनमें केंद्रीय मंत्री , विपक्ष के नेता , कई बड़े पत्रकारों के नाम सामने आ रहे है।
ये स्पाईवेयर केवल सरकारी एजेंसियों खरीद सकती है । जिससे वे आतंकवाद से लड़ सके। लेकिन इस तरह भारत के बड़े नामों की जासूसी के बाद कई सवाल खड़े हो गए है।
जीरो क्लिक अटैक
ज्यादातर वायरस किसी लिंक पर क्लिक करने से मोबाइल में आते है लेकिन ये वायरस फ़ोन में बिना क्लिक करे ही आ जाता है।
एक बार इसके फ़ोन में आ जाने के बाद यूजर की व्हाट्सएप्प , ब्राउज़िंग , कॉल, चैटिंग डिटेल सहित कई और डिटेल्स भी कंपनी के पास पहुँच जाती हैं। डाटा वैज्ञानिको का कहना है क़ि इससे बचने के लिए ऐप्स केवल प्लेस्टोरे या एप्पल स्टोर से ही अपने फ़ोन पर डाउनलोड करे। साथ ही अपने फ़ोन को अपडेटेड रखें।
विपक्ष ने किया हमला , सरकार ने नकारा
इंवेस्टिगेटिंग कंपनी द्वारा किये गए खुलासे के बाद भारत में सियासत गरमा गई है। खबर मिलते ही विपक्ष ने केंद्र सरकार पर हमला किया है। केंद्र सरकार का कहना है कि उसका इसमें कोई हाथ नही है। सरकार ने रिपार्ट को बोगस बतया। माना जा रहा है कि ये मामला खूब जोरो शोरों से इस बार मानसून सत्र में उठाया जाएगा।
40 बड़ी न्यूज़ एजेंसी के पत्रकारों के नाम शामिल
जिन नम्बरों की जासूसी की गई है उसकी लिस्ट भी निकल कर आ गई हैं। जिसमे करीब 50 हज़ार नंबर है। ये नंबर्स करीब 50 से ज्यादा देशों के है। इनमे से 300 से अधिक नंबर भारत के है। इसकी जानकारी न्यूज़ एजेंसी ‘द वायर’ के द्वारा दी गई।जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि 2017 से 2019 के बीच इन सबके फ़ोन की निगरानी की जा रही थी। इनमे केंद्रीय मंत्री , विपक्ष के नेता , बिज़नेसमैन सहित टाइम्स ग्रुप, इंडियन एक्सप्रेस सहित बड़ी न्यूज़ एजेंसी के 40 पत्रकार शामिल है।
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