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जयपुर एयरपोर्ट के विकास का जिम्मा संभालेगा अडानी ग्रुप 

केंद्र सरकार ने जयपुर एयरपोर्ट को निजी हाथ में देने की प्रक्रिया को मंजूरी दी है। आगामी 50 सालों तक पीपीपी मॉडल पर जयपुर एयरपोर्ट के विकास और संचालन का जिम्मा अडानी ग्रुप संभालेगी। इससे पहले पीपीपी मॉडल के तहत लखनऊ, अहमदाबाद और मेंगलुरु एयरपोर्ट को निजी हाथों में सौंपा जा चुका है। बता दें कि फरवरी माह में अडानी ग्रुप ने जयपुर समेत इन 6 एयरपोर्ट के लिए आक्रामक बोली लगाई और विजेता भी रहा। जानकारी के मुताबिक इस वित्त वर्ष के अंत तक निजीकरण की प्रक्रिया पूरी होने की संभावना है।

 

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(बुधवार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक की बाद केंद्र मंत्री प्रकाश जावेड़कर ने इस इन फैसलों की जानकारी दी)


\अडानी ग्रुप को केवल लखनऊ, अहमदाबाद और मेंगलुरु को ही पीपीपी में टेंडर मिला और एमओयू भी हो चुका। जबकि जयपुर, त्रिरुवनंतपुरम और गुवाहाटी एयरपोर्ट को कैबिनेट से मंजूरी नहीं मिलने और निजीकरण अटका था।

 

दिल्ली में हुई कैबिनेट बैठक के बाद मोदी सरकार ने अब तीनों एयरपोर्ट के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। एयरपोर्ट प्रशासन के मुताबिक जल्द ही एमओयू होगा।

 

सुविधाएं बढ़ेंगी लेकिन पॉकिट पर क्या पड़ेगा असर

 

एयरपोर्ट आने वाले हर वाहन पर 50 रुपए एंट्री शुल्क संभव

 

● पार्किंग समेत हर चीज के लिए अलग-अलग शुल्क देना होगा।

 

● कंपनी दुकानों का किराया भी बढ़ा सकती है।

 

● चाय, कॉफी पर भी बढ़ेंगे रेट

 

● बाजार दर से 3 से 4 गुना अधिक कीमत पर मिलेगा सामान

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