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बेजुबानों की भी फिक्र कर रही योगी सरकार

- प्रदेश के 6781 गोआश्रय स्थलों में 1188875 गोवंश की देखभाल कर रही सरकार

लखनऊ: योगी सरकार किसानों-बागवानों के साथ बेजुबानों की भी बराबर चिंता कर रही है। खेतीबाड़ी के साथ बेजुबान भी सुरिक्षत रहें इसके लिए अपने पहले कार्यकाल से ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खासे फिक्रमंद रहे हैं। यही वजह है कि इस बाबत लगातार कदम उठाए जाते रहे हैं। बड़े पैमाने पर निराश्रित गोवंश के लिए आश्रय स्थल। उनके लिए छाजन एवं भूसे के लिए प्रति गोवंश के हिसाब से प्रति माह नियमित राशि। प्रदेश के ऐसे 6781 गोआश्रय स्थलों में 1188875 गोवंश रखे गये हैं।

प्रजाति उन्नयन से स्थाई हल निकालने का प्रयास

इस अस्थायी समाधान के साथ प्रजाति के उन्नयन के लिए पूरे प्रदेश में कृत्रिम गर्भाधान का भी अभियान चल रहा है। इसके जरिए जिन बछियों या गायों का गर्भाधान होगा, उनसे पैदा होने वाली संतति बछिया ही होंगी। इसकी संभावना 90 फीसद से अधिक होती है। वह भी बेहतर प्रजाति की। इसमें कुछ समय लगेगा पर छुट्टा पशुओं की समस्या का स्थाई हल मिलने के साथ प्रदेश के पूरे डेयरी क्षेत्र का कायाकल्प हो जाएगा।

बुंदेलखंड में लागू होगी सोलर फेंसिंग योजना

इसी क्रम में सरकार मुख्यमंत्री खेत सुरक्षा योजना के तहत बुंदेलखंड के सभी जिलों में सोलर फेंसिंग योजना शुरू करने का विचार कर रही है। इसके तहत किसान अपने खेतों के किनारे सोलर फेंसिंग लगा सकेंगे। इसमें मात्र 12 बोल्ट का करेंट प्रवाहित होगा। इससे सिर्फ पशुओं को झटका लगेगा, उन्हें कोई क्षति नहीं होगी। हल्के करंट के साथ सायरन की आवाज भी होगी। इससे छुट्टा या जंगली जानवर मसलन नीलगाय, बंदर, सुअर आदि खेत में खड़ी फसल को क्षति नहीं पहुंचा सकेंगे। इसके लिए सरकार लघु-सीमांत किसानों को प्रति हेक्टेयर लागत 60 फीसद या 1.43 लाख रुपये का अनुदान भी देगी। कृषि विभाग इस योजना का ड्राफ्ट तैयार कर चुका है। शीघ्र ही इसे कैबिनेट में भेजा जाएगा। वहां से मंजूरी मिलने के बाद मॉडल के तौर पर इसे बुंदेलखंड में लागू किया जाएगा।

गोचर भूमि को कब्जा मुक्त करने के लिए 11 जुलाई से अभियान

पशु खेत में खड़ी फसल का नुकसान तब अधिक करते हैं जब उनको पास में कुछ खाने को नहीं मिलता। गोचर भूमि इसके लिए जरूरी है। गोचर भूमि को अवैध कब्जे से मुक्त कराने के लिए पशुपालन एवं दुग्ध विकास विभाग 11 जुलाई से 25 अगस्त तक ऐसी जमीनों को कब्जामुक्त कराने का अभियान चलाने जा रहा है।

बानर वन भी अच्छी पहल

अमूमन बंदरों से होने वाले नुकसान के बाबत कोई बोलता नहीं। पर यह सच है कि कुछ खड़ी फसलों, फलदार पौधों एवं पौधरोपण के दौरान लगाए गए नए पौधों को ये खासी क्षति पहुंचाते हैं। इससे बचने के लिए लखनऊ प्रशासन से भी एक सराहनीय पहल की है। इसके तहत आबादी से दूर बानर वन बनाने की योजना है। इसमें इस तरह के मिश्रित पौधे लगाए जाएंगे जिनसे साल भर फल मिलते रहें। साथ ही पेयजल की भी व्यवस्था हो। बंदरों को आबादी से दूर रखकर खेत और बाग को बचाने के यह योजना भी चर्चा में है।

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