
ओवैसी की सक्रियता ने बढ़ाई राजस्थान में कांग्रेस की चिंता, इन सीटों पर पड़ेगा असर!
राजस्थान में बढ़ती हैदराबाद के सांसद और आल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन (AIMIM) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी की सक्रियता ने कांग्रेस की चिंता बढ़ा दी है।
राजस्थान में इस बात की कांग्रेस को चिंता है कि ओवैसी और उनके समर्थक जिस तरह से प्रदेश में सक्रिय हो रहे हैं, उससे लगता है कि 2023 में वह अपने प्रत्याशी होने वाले विधानसभा चुनाव में खड़े करेंगे।
ओवैसी ने कुछ समय पहले मुस्लिम बहुल विधानसभा सीटों का सर्वे भी कराया है। ओवैसी जयपुर शनिवार को आए और यहां उनसे मुस्लिम समाज के प्रमुख लोगों ने मुलाकात की। हालांकि उनकी यह पर्सनल यात्रा बताई गई है। कुछ लोग भी ओवैसी के साथ हैदराबाद से जयपुर आए।
जयपुर में ओवैसी ने रहकर लोगों से मुलाकात की। वहीं, अजमेर स्थित उनके साथ आए लोग ख्वाजा साहब की दरगाह में जियारत करने गए। ओवैसी शाम को वापस लौट गए। राज्य में पिछले एक साल से ओवैसी की राज्य में एक्टिविटी को लेकर भूमिका तैयार की जा रही है। उनकी पार्टी के नेताओं ने कुछ माह पहले अजमेर, जयपुर, भरतपुर और अलवर जिलों का दौरा किया था। मुस्लिम मतदाताओं का कांग्रेस की अंदरूनी कलह के बाद कांग्रेस से लगातार मोहभंग हो रहा है।
मुस्लिम समाज के विभिन्न संगठनों ने इसके बाद से इंटरनेट मीडिया पर राज्य में AIMIM को मजबूत बनाने को लेकर अभियान शुरू हुआ है। इंटरनेट मीडिया पर ‘AIMIM राजस्थान इंडिया’ के नाम से ग्रुप दिखाई दे रहे हैं।
प्रदेश में मुस्लिम मतदाता 16 से 18 विधानसभा सीटों पर निर्णायक भूमिका में है। इनमें आदर्श नगर, किशनपोल, रामगढ़, कामां, फतेहपुर,टोंक, लाडपुरा, सवाईमाधोपुर, शिव, पोकरण, नागौर, पुष्कर, चूरू, हवामहल, तिजारा, नगर और सीकर शामिल हैं।
मुस्लिम समाज हमेशा इन विधानसभा सीटों पर निर्णायक भूमिका में रहा है। ऐसे में ओवैसी की एक्टिविटी इन सीटों पर कांग्रेस के लिए परेशानी पैदा कर सकती है।
मुस्लिम समाज पिछले साल संपन्न हुए नगर निगम चुनाव में जयपुर के दो नगर निगम ग्रेटर और हेरिटेज में से एक पर किसी अल्पसंख्यक नेता को महापौर बनाने की मांग कर रहा था। इसके लिए कांग्रेस नेतृत्व से समाज के कई प्रतिनिधियों ने मुलाकात भी की थी, लेकिन उनकी मांग को कांग्रेस ने दरकिनार किया।
गोरखपुर में होगी सफाई व्यवस्था और भी चौकस, सीएम योगी ने की पहल