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क्यों खेला जाता है एशिया कप, जानें कब हुई शुरुआत 

एशिया कप एशियाई देशों के बीच खेली जाने वाली एक क्रिकेट प्रतियोगिता है. 1983 में एशियाई क्रिकेट काउंसिल ने इसकी स्थापना की थी. इसका मुख्य उद्देश्य एशियाई देशों के बीच सद्भावना को बढ़ावा देना था. अभी तक यह 12 बार आयोजित की जा चुकी है. 2018 में 13वीं बार यह खेली जा रही है. 

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अभी तक इस टूर्नामेंट को कुल 13 बार आयोजित किया जा चुका है. मौजूदा सीजन यानी 2018 इस टूर्नामेंट का 13वां संस्करण है. इस दौरान इस पर मुख्यत: तीन टीमों का कब्जा रहा है. इनमें भारत 6 बार विजेता रहा है. वहीं श्रीलंका ने 5 और पाकिस्तान ने 2 बार जीत का स्वाद चखा है.

1984 का टूर्नामेंट भारत, श्रीलंका और पाकिस्तान के बीच खेला गया. इसमें भारत ने श्रीलंका और पाकिस्तान को हराकर यह उद्घाटन संस्करण अपने नाम किया था. 1986 का संस्करण थोड़ा सा विवादित रहा. असल में भारत ने श्री लंका के साथ खराब संबंधों के कारण श्रीलंका में आयोजित इस सीजन का बहिष्कार कर दिया था. इस कारण यह श्रीलंका, बांग्लादेश, पाकिस्तान के बीच ही खेला गया था. अंतत: श्रीलंका फाइनल में पाकिस्तान को हराकर विजेता बना.

1988 में टूर्नामेंट का आयोजन बांग्लादेश में किया गया. यह पहला मौका था, जब 3 से अधिक टीमों ने भाग लिया था. भारत इसमें विजेता रहा. 1990 में भारत ने इस टूर्नामेंट की मेजबानी की और फाइनल में श्रीलंका को हराकर विजेता का खिताब बरकरार रखा. 

1993 की सीजन भारत और पाकिस्तान के बीच खराब राजनीतिक संबंधों के कारण रद्द कर दिया गया था. हालांकि, 1995 में एक बार फिर एशिया कप का रोमांच देखने को मिला. इसमें भारत ने तीसरी बार श्रीलंका को चित्त किया.

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हालांकि, 1997 के टूर्नामेंट में उसे श्रीलंका के हाथों हार का सामना करना पड़ा था और विजेता की ट्रॉफी उसके हाथों से निकल गई थी. 2000 व 2012 में पाकिस्तान और 2004, 2008, 2010, 2014 में श्रीलंका विजेता बना. इसी क्रम में पिछला टूर्नमेंट यानी 2016 में भारत ने खिताब जीता था.

एशियाई देशों के बीच नजदीकियां बढाने के लिए 1983 में Asian Cricket Council (ACC) का गठन किया गया. एशिया कप का पहला टूर्नामेंट 34 साल पहले 1984 में शारजाह, यूएई में खेला गया. पहला एशिया कप भारत ने जीता था.

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