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पेट्रोलियम की बढ़ती कीमतों का कौन है जिम्मेदार ?

देश में LPG की कीमतों में करीब ₹25 की बढ़ोत्तरी आयी है और पेट्रोलियम की कीमतों में लगातार बढ़ोत्तरी आती ही जा रही है। इसको लेकर जनता लगातार सरकार से सवाल पूछती नज़र आई है। लेकिन अब तत्कालीन सरकार ये सारा ठिकरा विपक्ष यानी कि पूर्व की UPA सरकार पर फोड़ रही है। जबकि वो सरकार 7 साल से सत्ता से बाहर है। फिर भी तत्कालीन सरकार पूर्व की सरकार को ही जिम्मेदार ठहरा रही है।

देश में बढ़ते पेट्रोल-डीजल के दामों के बीच केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ईंधन की कीमतों में कमी न कर पाने की वजह बताई है। उन्होंने कहा कि कॉन्ग्रेस के नेतृत्व वाली पूर्ववर्ती यूपीए (UPA) सरकार के द्वारा 1.44 लाख करोड़ रुपए के ऑयल बॉन्ड्स (Oil Bonds) जारी किए गए थे, यही कारण है कि वर्तमान सरकार चाह कर भी तेलों के दाम नहीं कम कर सकती है।

वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा, “UPA सरकार के द्वारा तेलों के दाम कम करने के लिए 1.44 लाख करोड़ रुपए के ऑयल बॉन्ड्स जारी किए गए थे। हम UPA सरकार के द्वारा इस्तेमाल किए गए गलत तरीके का उपयोग नहीं कर सकते हैं। इन ऑयल बॉन्ड्स के कारण सारा भार हमारी सरकार पर आ चुका है जिसके कारण हम पेट्रोल और डीजल के कीमतों में कटौती कर पाने में असमर्थ हैं।”

उन्होंने यह भी कहा कि ईंधन के दामों को लेकर लोगों की चिंता जायज है लेकिन जब तक राज्य सरकारें और केंद्र एक साथ बैठकर इस मुद्दे पर बातचीत नहीं करते, तब तक इसका कोई समाधान नहीं निकाला जा सकता है।

साथ ही UPA सरकार के द्वारा जारी किए गए ऑयल बांड्स पर दिए जाने वाले ब्याज की जानकारी देते हुए वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि पिछले 5 सालों में मोदी सरकार ने सिर्फ ऑयल बॉन्ड्स के ब्याज पर ही 70,195.72 करोड़ रुपए खर्च किए हैं और साल 2026 तक 37,000 करोड़ रुपए ब्याज का भुगतान किया जाना है।

इसके अलावा उन्होंने बताया कि ब्याज के अतिरिक्त 1.30 लाख करोड़ रुपए से अधिक का मूलधन अभी भी बकाया है, ऐसे में अगर ऑयल बॉन्ड्स का भार नहीं होता तो ईंधन पर एक्साइज ड्यूटी कम की जा सकती थी।

तो वंही इसपर कांग्रेस ने भी निर्मला सीतारमण पर निशाना साधा है। मंगलवार को कांग्रेस ने आरोप लगाया कि तेल बॉन्ड के कारण नहीं, बल्कि मोदी सरकार की ओर से 12 बार सब्सिडी घटाए जाने और केंद्रीय करों में बढ़ोतरी करने के कारण पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतें बढ़ी हैं। पार्टी के वरिष्ठ प्रवक्ता अजय माकन ने यह दावा भी किया कि वित्त मंत्री भाजपा की ‘झूठ से बैर नहीं, सच की खैर नहीं’ वाली नीति पर अमल कर रही हैं।

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