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भारतीय सेना और बीएसएफ में क्या है अंतर, जानें यहां   

भारतीय सेना और अन्य सुरक्षा बल भारत की सुरक्षा के लिए तत्पर रहते हैं. देश की आंतरिक सुरक्षा और सीमा सुरक्षा में भारतीय सेना के साथ सीआरपीएफ, बीएसएफ, आईटीबीपी, सीआईएसएफ, एसएसबी का अहम योगदान होता है.

लेकिन क्या आप जानते हैं ये सुरक्षा बल, भारतीय सेना से अलग होते हैं और इन्हें मिलने वाली सुविधाएं भी काफी अलग होती है. आइए जानते हैं पैरा मिलिट्री फोर्सेज और सेना में क्या अंतर होता है। 

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बता दें कि सेंट्रल आर्म्ड पुलिस फोर्स और भारतीय सेना में काफी अंतर होता है. कई सुरक्षा बल गृह मंत्रालय के अधीन आते हैं, जिसमें सीआरपीएफ, आईटीबीपी, बीएसएफ, आसाम राइफल्स और एसएसबी शामिल है. वहीं सेना में भारतीय सेना, वायु सेना और नौसेना आते हैं.

भारतीय सेना और अन्य सुरक्षा बल भारत की सुरक्षा के लिए तत्पर रहते हैं। देश की आंतरिक सुरक्षा और सीमा सुरक्षा में भारतीय सेना के साथ सीआरपीएफ, बीएसफ, आईटीबीपी, सीआईएसएफ, एसएसबी का अहम योगदान होता है। लेकिन क्या आप जानते हैं ये सुरक्षा बल, भारतीय सेना से अलग होते हैं और इन्हें मिलने वाली सुविधाएं भी काफी अलग होती हैं। 

सेंट्रल आर्म्ड पुलिस फोर्स और भारतीय सेना में काफी अंतर होता है। ये रैंकिंग मंत्रालय और सविधाएं पर भी निर्भर करता है। कई सुरक्षा बल गृह मंत्रालय के अधीन आते हैं, जिसमें सीआरपीएफ, आईटीबीपी, बीएसएफ, आसाम राइफल्स और एसएसबी शामिल है। वहीं सेना में भारतीय सेना, वायु सेना और नौसेना आते हैं।

अर्धसैनिक बल देश में रहकर या सीमा पर देश की सुरक्षा करते हैं और अर्धसैनिक बल पूरे देश में आतंकवाद और नक्सलवाद विरोधी अभियानों में भी लगे हुए हैं। वहीं वीआईपी सिक्योरिटी में भी मुख्यतौर पर अर्धसैनिक बलों के जवान ही होते हैं। सुविधाओं के नाम पर जो सहूलियतें भारतीय सेना को मिलती हैं, वैसी सुविधाएं अर्धसैनिक बलों को नहीं मिलती है।

बीएसएफ जवानों की सैलरी की बात करें तो ये BSF कॉन्सटेबल की सैलरी 23, 000 से लेकर डिप्टी इंस्पेक्टर जनरल (DIG) की सैलरी 85 हजार तक है, इसमें ग्रेड पे का पैसा अलग से जोड़ा जाता है। वहीं आर्मी में सैलरी काफी ज्यादा होती है।

सिपाही की सैलरी 25 हजार से शुरू होती है जिसमें लांस नायक की 30 हजार हवलदार की 40 हजार से लेकर कर्नल की स्केल: लेवल-13, रुपया के तहत 1,30,600 से लेकर 2,15,900 सैलरी शामिल है। इसमें ग्रे पेड और आर्मी सर्विस पे अलग से दिया जाता है। भारतीय सेना के जवानों को बीएसएफ के जवानों से ज्यादा सुविधा मिलती है, इसमें कैंटीन, आर्मी स्कूल आदि की सेवाएं शामिल है। भारतीय सेना रक्षा मंत्रालय के अधीन आती है, जबकि बीएसएफ गृह मंत्रालय के अधीन होती है।

बीएसएफ के जवानों को सीमा पर तैनात किया जाता है, जबकि भारतीय सेना के जवान सीमा से दूर रहते हैं और युद्ध के लिए खुद को तैयार करते हैं. साथ ही यह क्रॉस बोर्डर ऑपरेशन भी करती है.भारतीय सेना के जवानों को बीएसएफ के जवानों से ज्यादा सुविधा मिलती है, इसमें कैंटीन, आर्मी स्कूल आदि की सेवाएं शामिल है. भारतीय सेना रक्षा मंत्रालय के अधीन आती है, जबकि बीएसएफ गृह मंत्रालय के अधीन होती है.

भारतीय सेना में रैंक लेफ्टिनेंट, मेजर, कर्नल, ब्रिगेडियर, मेजर जर्नल आदि होती है, लेकिन बीएसएफ में पोस्ट कांस्टेबल, हैड कांस्टेबल, एएसआई, डीएआई, आईजी आदि होती है. 

भारतीय सेना में अधिकारी एनडीए और सीडीएस के माध्यम से चुने जाते हैं और इस परीक्षा का चयन यूपीएससी की ओर से किया जाता है. वहीं बीएसएफ में एसआई तक के उम्मीदवार एसएससी की ओर से चुने जाते हैं. वहीं बीएसएफ के डीजी आईपीएस बनते हैं।

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भारतीय सेना में अधिकारी एनडीए और सीडीएस के माध्यम से चुने जाते हैं और इस परीक्षा का चयन यूपीएससी की ओर से किया जाता है।

वहीं बीएसएफ में एसआई तक के उम्मीदवार एसएससी की ओर से चुने जाते हैं। वहीं बीएसएफ के डीजी आईपीएस बनते हैं। बहरहाल देश की सुरक्षा के लिए पैरामिलिट्री और सेना के जवान अपनी जान न्यौछावर करके भी फर्ज निभाते हैं। देश के सच्चे वीर सपूतों को हमारा सैल्यूट है!

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