
नई दिल्ली: प्रिवेंशन ऑफ मनी लेंडिंग एक्ट के तहत ईडी द्वारा की गई गिरफ्तारी जबकि और जांच की प्रक्रिया को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि इस एक्ट के तहत किसी भी आरोपी की गिरफ्तारी गलत नहीं है यानी ईडी जांच प्रक्रिया में जरूरत पड़ने पर किसी भी व्यक्ति की गिरफ्तारी की जा सकती है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सूचना रिपोर्ट को f.i.r. के साथ नहीं जुड़ा साथ जा सकता और आईसीआई आ प्रवर्तन निदेशालय का एक आंतरिक दस्तावेज है। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि आरोपी को आई सी आई आर देना निवारण नहीं है और गिरफ्तारी के दौरान उसके कारणों का खुलासा करना ही काफी है।
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आपको बता दें कि कांग्रेस नेता पी चिदंबरम, एनसीपी नेता अनिल देशमुख और अन्य की तरफ से करीब 200 से अधिक अपीलों पर आज सुप्रीम कोर्ट ने अपनी सुनवाई पर फैसला सुनाया। सभी याचिकाओं पर मनी लेंडिंग एक्ट के प्रधानों को चुनौती दी गई थी।