
स्विमिंग में बनाना चाहते हैं अपना करियर, रखें इन बातों विशेष ध्यान
अगर आप बिलकुल नए है स्विमिंग पूल में तो सबसे पहले स्विमिंग की साही बेसिक टेक्निक्स को समझना जरूरी हो जाता है एक बार बेसिक टेक्निक्स को समझने के बाद आपक स्विमिंग पूल में ज्यादा रिलैक्स महसूस करेंगे, ये आर्टिकल स्विमिंग के वो सरे बेसिक टेक्निक्स को जानने में आपको मदद करेगा |
स्विमिंग करने की सही टेक्निक्स
अगर आप बिलकुल नए है स्विमिंग पूल में तो सबसे पहले स्विमिंग की बेसिक टेक्निक्स को समझना जरूरी हो जाता है एक बार बेसिक टेक्निक्स को समझने के बाद आपक स्विमिंग पूल में ज्यादा रिलैक्स महसूस करेंगे, ये आर्टिकल स्विमिंग के वो सरे बेसिक टेक्निक्स को जानने में आपको मदत करेगा |

- पानी क साथ बैलेंस बनाना
- फ्लोट (Float) कैसे करे
- किक करने का सही तरीका
- पानी में स्टैंडिंग
- ग्लाइडिंग का सही तरीका
पानी के साथ बैलेंस और फ्लोटिंग :-
इसको सिखने से पहले हमे पानी का डर अपने मन से निकल देना चाहिए और स्विमिंग पूल में कुछ दिन तक सिर्फ पानी में इधर उधर चलने से इस डर को निकला जा सकता है| बैलेंस बनाने क लिए आपको २–३ दिन लगातार किकबोर्ड पर अभ्याश करना पड़ेगा , सुरु में तो आपको दिक्कत होगी लेकिन धीरे धीरे आपका बैलेंस बन जायेगा तो किक बोर्ड का एक और फायदा है बैलेंस क साथ साथ ये आपको स्ट्रीमलाइन पोजीशन रहने में भी हेल्प करेगा |
स्विमिंग मनुष्यों के लिए प्राकृतिक नहीं होती है इसलिए इंसानों को स्विमिंग सीखना पड़ता है और उस तरीके को सीखना पड़ता है जिससे कम से कम ताकत में ज्यादा आचे से स्विमिंग हो| एक चीज़ तो मैं कह सकता हु की स्विमिंग को सिखने के लिए बोहोत प्रैक्टिस चैये होती है, बहुत समय देना पड़ता है और पूल का बार बार राउंड लगाने से ही स्विमिंग में परफेक्शन आती है | आर्टिकल स्विमिंग की गलती और उसको कैसे सही करे उसके बारे में है|
फ्रीस्टाइल स्विमिंग :-
गलती #1:- सर की सही पोजीशन
नए तैराकों के साथ यह गलती बोहोत ही साधारण है की वो अपने सर को सीधे न रख कर इधर उधर करते है और अपने शारीर को स्ट्रीमलाइन नहीं रख पते, स्विमिंग करते वक्त सांस लेने के समय तैराक अपने पुरे सर को ऊपर उठा देते है जो की बिलकुल गलत है, इससे सिर्फ पानी में एक रुकावट बनती है| इसको सही करने के लिए तैराकों को अपने सर को नैचुरली घुमा के साइड से सांस लेना चाहिए|
गलती #२:- छोटे स्विमिंग स्ट्रोक
यह गलती लगभग 80% तैराकों में देखा जाता है जब वह थक जाते है और छोटे स्ट्रोक को करने लगते है, फ्रीस्टाइल स्विमिंग करने का सबसे अच्छा तरीका यह है की तैराकों को अपने हाथो को अपने सर के सामने से करनी चाहिए और हाथ को आगे बढ़ा कर फिर पुल करना चाहिए, छोटे स्ट्रोक को करते वक्त भी हाथ सर क आगे से ही जाता है लेकिन फिनिशिंग क वक्त तैराकों को लॉन्ग स्ट्रोक वाले तैराकों से ज्यादा स्ट्रोक करना पड़ेगा| छोटे स्ट्रोक करने से तैराक हर पुल पर जायदा दुरी नहीं तैर पता इसलिए हमेसा लम्बे स्ट्रोक पर ही ध्यान देना चाहिए| तैराकों को DPS(DIstance per stroke) को बढ़ाने पर ध्यान देना चाहिए, प्रोफेशनल तैराको का DPS ज्यादा होता है|
गलती #3 किक
किक में आमतौर पर दो तरह की गलती देखने को मिलती है, पहली कमजोर किक और दूसरी ओवर किक| अगर आपने कभी किक बोर्ड लेकर सिर्फ किक की मदत से स्विमिंग पूल का राउंड लगाना चाहा और आपकी किक कमजोर या धीमी है तो आप आप देखेंगे की मुस्किल से ही आप आगे बढ़ेंगे, एक अच्छी किक के लिए अंकल(ankle) में लचीलापन होना बोहोत जरुरी है, इसकी कमी होने से कभी कभी ये भी देखा गया है की फिन्स का यूज़ करते वक्त पैरो में अकड़न आने लगती है इसलिए ankle में लचीलापन होना बोहोत जरुरी है| कमजोर किक हो सही करने के लिए जरुरी है की तैराकों को रोज किक के कुछ वर्कआउट करने चाहिए|
किक निरंतर चली चाहिए और एक लय होनी चाहिए स्ट्रोक के साथ, खासकर सांस लेते वक्त तैराक किक धीमे या फिर रोक देते है तो उसपर भी तैराकों को ध्यान देना चाहिए| फिन्स का ज्यादा इस्तेमाल भी खराब होता है फिन्स को कोच से सलाह लेकर ही इस्तेमाल करना ठीक रहता है |
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बच्चों को तैरना किस उम्र से सिखाना चाहिए?
बच्चों को चार साल की उम्र से तैरना सिखाया जा सकता है। एक शोध के अनुसार, बच्चे की उम्र जब 4 साल के हो जाते हैं, तो वह तैराकी के बुनियादी कौशल सीखने के लिए सक्षम हो जाते हैं। इस उम्र में बच्चे के मन से पानी का डर आसानी से खत्म हो जाता है। वहीं, 4 साल से कम उम्र के बच्चों में पानी में जीवित रहने का कौशल (Water Survival Skills) और स्वतंत्र रूप से तैरने की क्षमता विकसित नहीं हो पाती है। इसके अलावा, शोध में यह भी देखा गया है कि साढ़े पांच साल की उम्र में बच्चे तैराकी के फ्रंट क्रॉल (छाती के बल तैरना) के लिए जरूरी स्किल्स को सीखने में कामयाब रहे।
बच्चों को स्विमिंग से होने वाले फायदे
तैराकी एक व्यायाम माना जाता है, जिसके कई फायदे हो सकते हैं। बच्चों को स्विमिंग से होने वाले फायदे इस प्रकार हैं (2)
- जीवन रक्षक कौशल – तैराकी न सिर्फ एक कला है, बल्कि बच्चों को सिखाया जाने वाला एक जीवन रक्षक कौशल है, जो उन्हें मुसीबत के समय बचाने में मदद करेगा।
- अस्थमा में फायदेमंद – शोध में पाया गया है कि स्विमिंग फेफड़ों की कार्यक्षमता और कार्डियोपल्मोनरी फिटनेस (Cardiopulmonary Fitness, हृदय और फेफड़ों से संबंधित) में सुधार का काम कर सकती है। इस प्रकार यह अस्थमा से बचाव में मदद कर सकता है।
- असक्षम (Disabled) बच्चों के लिए – जो बच्चे असक्षम होते हैं या जो किसी क्रानिक बीमारी से जूझ रहे हैं, उनके लिए तैराकी या फिर पानी में किया जाने वाला व्यायाम आदर्श हो सकता है।
- अन्य फायदे – तैराकी से शरीर में लचीलापन, मांसपेशियों की ताकत में वृद्धि, अवसाद में कमी, मनोदशा और हृदय स्वास्थ्य में सुधार हो सकता है।
- बेहतर व्यायाम – जो बच्चे व्यायाम नहीं करते हैं, उनके लिए तैराकी एक बेहतर फिटनेस देने वाला व्यायाम हो सकता है।