पटना में अपराधियों के निशाने पर वाहन और छोटे कारोबारी
पटना की पुलिस संगीन मामलों का पर्दाफाश कर पूरे गिरोह को जेल भेज देती है, बावजूद लूट के आंकड़े कम नहीं हो रहे। पुलिस की सक्रियता से लूट के ग्राफ में ज्वेलरी शॉप से लेकर अन्य दुकानों में लूट के आंकड़े सबसे कम हैं, लेकिन वैसे अपराधी पुलिस के लिए सिर दर्द बनते जा रहे हैं, जो रोड पर लूटपाट की वारदात को अंजाम देकर आसानी से फरार हो जा रहे हैं। वर्ष 2020 मई से वर्ष 2021 मई तक पटना में कुल लूट के 142 मामले दर्ज हुए। इसमें एक गृह लूट, तीन ज्वेलरी लूट, फाइनेंस कंपनी के कर्मी से लूट की दो घटनाएं हुईं, जबकि दुकान लूट एक भी नहीं हुई। इस दौरान सबसे अधिक वाहन लूट 61 और रोड लूट की 55 वारदातें दर्ज की गईं।
दुकान में लूट नहीं, ज्वेलरी लूट की तीन वारदातें
पुलिस के आंकड़ों में पिछले साल मई से इस साल मई के बीच एक भी दुकान में लूट की वारदात नहीं हुई, जबकि तीन जगह ज्वेलरी लूट का मामला दर्ज हुआ। इस दौरान फाइनेंस कर्मी के दो कर्मी से लूट हुई, जबकि अन्य दो लूट के मामले भी दर्ज हुए हैं। पिछले साल मई लॉकडाउन की वजह से लूट की सिर्फ तीन वारदातें सामने आईं। तीनों वाहन लूट की थीं, जबकि अन्य लूट शून्य रही। वहीं इस साल मई माह में लूट के 10 मामले दर्ज हुए, इसमें एक गृह लूट, तीन चेन स्नेचिंग, एक रोड लूट, तीन वाहन और दो अन्य लूट शामिल हैं।
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बड़ी वारदात के लिए बड़ा गैंग
बैंक डकैती या बड़ी लूट की वारदात को अंजाम देने के लिए पूरा गिरोह होता है। पटना में ऐसा संभव नहीं, क्योंकि यहां कैमरे से लेकर ऐसे स्थानों पर आबादी और पुलिस की पहरेदारी अधिक है। ऐसे में यहां अपराधियों के निशाने पर ऐसे लोग रहते हैं, जिनसे लूट या छिनतई हो तो कुछ न कुछ रकम हाथ में आ जाये। राजधानी में यहीं कारण है, सबसे अधिक रोड लूट होती है। इसके बाद वाहन लूट की वारदात होती है।
पटना में मई 2020 से मई 2021 के बीच कुल 21 डकैती की प्राथमिकी दर्ज हुई। इसमें ज्वेलरी डकैती के एक भी मामले नहीं है। जबकि बैंक डकैती सिर्फ पिछले साल जून माह में सिर्फ एक हुई थी। वहीं घर में डकैती के कुल पांच मामले सामने आये, जबकि सबसे अधिक वाहन डकैती हुई। वहीं रोड पर पांच से अधिक बदमाशों द्वारा डकैती के पांच मामले दर्ज हुए है।