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Success Story: छोटी उम्र में शादी फिर तलाक ASI बनीं सारिका, पढ़ें संघर्ष की कहानी …
मायका-मायका ही होता है। बाद में ससुराल की ओर से तकलीफ होने लगी और 2011-12 में तलाक हो गया। इसके बाद जीवन की
परेशानियों और संघर्ष से अक्सर लोग हार मान लेते हैं। कभी आत्मविश्वास टूट जाता है तो कभी राह नजर नहीं आती, लेकिन कुछ लोग हैं जो संघर्ष में ढलकर जीवन को निखारते हैं।
परेशानियों से सामना कर, उनसे लड़कर अपनी राह बनाने वाली ऐसी ही एक महिला है सारिका उगलमुगले। सारिका ने बुरे वक्त में प्राइवेट स्कूल और आंगनवाड़ी में नौकरी की। औऱ संघर्ष को स्वीकारते हुए हिम्मत नहीं हारी। और आखिरकार मेहनत से पुलिस विभाग में एएसआई के स्पेशल ब्रांच में भर्ती हुई तथा औरों के लिए मिसाल पेश की।
सारिका मेहनत से कभी पीछे नहीं हटती हैं। इसलिए उनका हौसला और जज्बा कम नहीं हुआ है। सारिका का सपना है कि, वो पुलिस या प्रशासनिक सेवा में अफसर का पद पाएं। दरअसल देवास के मध्यमवर्गीय परिवार से ताल्लुक रखने वाली सारिका का जीवन कठिनाइयों से भरा रहा। स्नातक की पढ़ाई के दौरान ही शादी हो गई। शादी के बाद पढ़ाई जारी रखी और स्नातकोत्तर उपाधि अर्जित की।
लेकिन कहते हैं न कि मायका-मायका ही होता है। बाद में ससुराल की ओर से तकलीफ होने लगी और 2011-12 में तलाक हो गया। इसके बाद जीवन की उम्मीद डगमगाई। हौसला टूटा, मन हारने लगा। लेकिन अपने आत्म सम्मान के लिए थक-हारकर निजी स्कूल में पढ़ाना शुरु किया। और फिर आंगनवाड़ी में नौकरी लग गई। जहां परियोजना अधिकारी जीवनकुमार देथलिया से मार्गदर्शन किया। और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी शुरू की।
सारिका को मेहनत का फल मिला और पुलिस विभाग में एएसआई के पद पर नौकरी मिली। शाजापुर में पोस्टिंग हुई। अक्टूबर 2015 में आंगनवाड़ी की नौकरी छोड़कर नई नौकरी ज्वाइन की। सारिका कहती है कि, आज इस मुकाम पर पहुंचकर मैं खुश हूं, लेकिन मेरी इच्छा है कि राज्य प्रशासनिक सेवा की परीक्षा देकर अधिकारी बनूं। इसके लिए मेहनत कर रही हूं। मेरे जैसी उन सभी महिलाओं से यही कहना चाहूंगी कि संघर्ष और तकलीफों से हारना नहीं है। समाज में मुकाम बनाना है तो लड़ना होगा, गिरकर उठना होगा।