Uttarakhand : सरकारी नौकरी में 30 फीसदी आरक्षण देगी धामी सरकार, सदन में पेश हुआ बिल
उत्तराखंड : उत्तराखंड(Uttarakhand) में जारी विधानसभा शीतकालीन सत्र(assembly winter session) के पहले दिन ही धामी सरकार की तरफ से महिलाओं को सरकारी नौकरियों में 30 फीसदी आरक्षण देने का विधेयक पेश किया गया। संसदीय कार्यमंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने शून्यकाल में महिला आरक्षण का विधेयक सदन पटल पर रखा। हालाकि, विधानसभा की कार्यसूची में इस विधेयक को पेश करने को लेकर कोई जिक्र नहीं किया गया था, इसके बाद भी यह विधेयक पेश किया गया।
आपको बता दे की नित्यानंद स्वामी सरकार(Nityananda Swami Sarkar) ने 20 फीसदी क्षैतिज आरक्षण शुरुआत की गयी थी। जुलाई 2006 में एनडी तिवारी सरकार ने इसे 30 फीसदी कर दिया। तब से एक जीओ के आधार पर महिलाओं को नौकरियों में आरक्षण मिल रहा था। उत्तराखंड सम्मिलत राज्य सिविल एवं प्रवर अधीनस्थ सेवा प्री परीक्षा में इसी साल हरियाणा की पवित्रा चौहान व अन्य प्रदेशों की महिलाओं को जब क्षैतिज आरक्षण का लाभ नहीं मिला तो उन्होंने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी।
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लेकिन बीते कुछ समय पहले हाईकोर्ट में इस आरक्षण पर रोक लगा अदि गयी थी। इसके खिलाफ राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी ।चार नबंबर को सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाकर आरक्षण को बरकरार रखा। अब सरकार ने विधेयक पेश कर इसे कानून की शक्ल देने जा रही है। इसके बाद आरक्षण को चुनौती देना मुश्किल होगा।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी(Pushkar Singh Dhami) ने कहा, ‘हमारी सरकार उत्तराखंड की मातृशक्ति के हितों के संरक्षण और संवर्धन के लिए प्रतिबद्ध है. राज्याधीन सरकारी सेवाओं में उनके 30 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण को संरक्षित करने के लिए हमने राज्य की महिलाओं के लिए आरक्षण विधेयक को पारित कराने के लिए विधानसभा के समक्ष प्रस्तुत किया है, ताकि उनके हितों का समुचित संरक्षण हो सके.’