
लखनऊ : उत्तर प्रदेश में आगामी होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर मुस्लिम मतदाताओं में संशय की स्थिति बनी हुई है। बता दें कि प्रदेश का मुस्लिम मतदाता अखिलेश और शिवपाल के बीच चल रही सियासी जंग के बीच मझधार में लटका हुआ नजर आ रहा है। जहां अपने जनाधार और कद को बड़ा साबित करने के लिए अखिलेश और शिवपाल दोनों अलग-अलग रास्तों पर अलग-अलग रथ यात्रा निकाल रहे हैं।
गौरतलब है कि 12 अक्टूबर को जहां समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कानपुर के जाजमऊ से विकास यात्रा निकाली वहीं दूसरी तरफ मथुरा के वृंदावन से शिवपाल सिंह यादव ने सामाजिक परिवर्तन यात्रा निकाल दोनों ने एक दूसरे के प्रति ताल ठोक दिया। अब दोनों चाचा भतीजे के बीच तालमेल के बीच मुस्लिम मतदाता फसता हुआ नजारा है। मुस्लिम मतदाता करे तो करे क्या अखिलेश के साथ जाए या शिवपाल के साथ जाए। दोनों पार्टियों के बीच फैली सियासी अनिश्चितता के बीच बसपा के साथ-साथ आनंद ने भी अपनी बातें बिछाना शुरू कर दिया है। आपको बता दें कि वहीं दूसरी तरफ बहुजन समाज पार्टी ने मुस्लिम मतदाताओं को अधिक से अधिक टिकट देने की तैयारी की है तो वहीं दूसरी तरफ ओवैसी ने भी मुस्लिम वोटों को लेने के लिए जुगाड़ में लग गए हैं।
वहीं कुछ गणित कार कहते हैं कि अखिलेश और शिवपाल के बीच चल रहे सियासी घमासान के चलते अखिलेश को घाटा उठाना पड़ सकता है। क्योंकि शिवपाल राजनीति के पुराने खिलाड़ी हैं और वह कोई भी चरखा दो चल सकते हैं वैसे पहले भी कह चुके हैं क्यों आगामी विधानसभा चुनाव में चरखा गांव तथा धोबीघाट दोनों खेलने के लिए तैयार हैं।