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टीचर-प्रिंसिपल की गिरफ्तारी पर UP के प्राइवेट स्कूल बंद, एसोसिएशन ने कहा- मामले की सही जांच हो

गिरफ्तारी के विरोध में निजी स्कूलों का शक्ति प्रदर्शन, अधिकांश प्राइवेट स्कूल आज बंद

लखनऊ: आजमगढ़ में एक प्राइवेट स्‍कूल की छात्रा की मौत के मामले में प्रिंसिपल और शिक्षक की गिरफ्तारी का विरोध किया जा रहा है। इसी के मद्देनजर अनएडेड प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन सहित कई अन्य प्राइवेट स्कूलों के एसोसिएशन ने मंगलवार (8 अगस्‍त) को स्‍कूल बंद का आह्वान किया था। हालांकि, कुछ स्कूल आज भी खुले हुए हैं। उधर, अभिभावकों ने भी आजमगढ़ में ‘प्राइवेट स्‍कूलों की मनमानी नहीं चलेगी’ कहते हुए विरोध प्रदर्शन किया।

इससे पहले सोमवार को प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन ने प्रमुख सचिव गृह से मुलाकात के बाद प्रस्तावित बंदी के फैसले को रद्द कर दिया था। फिर जब स्‍कूल के प्रिंसिपल और शिक्षक की बेल (जमानत) रिजेक्ट होने की खबर आई तो स्कूल वापस से बंदी करने पर अड़ गए। प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन का दावा किया कि इस फैसले से प्रदेश के ICSE, CBSE और UP Board के 20 हजार से अधिक स्कूल मंगलवार को नहीं खुलेंगे। हालांकि, कुछ स्‍कूल आज भी खुले हुए हैं।

स्‍टूडेंट के साथ कुछ होने पर पूरी जिम्मेदारी टीचर-प्रिंसिपल पर डालना सही नहीं

अनएडेड प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के अध्‍यक्ष अनिल अग्रवाल ने बताया कि इस मामले में पुलिस ने जो संगीन धाराएं लगाई हैं, उसके कारण ऐसा हुआ है। कोई शिक्षक, प्रधानाचार्य या फिर प्रबंधक यह कतई नहीं चाहेगा कि उसके स्कूल के बच्चे के साथ कुछ भी गलत हो। फिर भी अगर कोई घटना होती है तो उसकी पूरी जिम्मेदारी टीचर और प्रिंसिपल पर डालना सही नहीं है। इसलिए, इस घटना के विरोध में सभी बोर्ड के स्कूल मंगलवार को बंद रहेंगे। CBSE मैनेजमेंट स्कूल ने भी इसका समर्थन किया है। इसके अलावा एसोसिएशन की ओर से विज्ञप्ति भी जारी की गई, जिसमें छात्रों के बारे में बताया गया है।

यह एक शांतिपूर्ण सांकेतिक प्रदर्शन था: अनिल अग्रवाल

इस मामले पर अनएडेड प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल अग्रवाल ने कहा कि आज अधिकतर स्कूल आज बंद रहे। यह बस एक शांतिपूर्वक सांकेतिक प्रदर्शन था। उन्होंने कहा कि डीजी एजुकेशन विजय किरण आनंद ने तीन सदस्यीय कमेटी गठित करने की बात कही है, जो मामले की जांच करेगी। कल से फिर से पढ़ाई पहले जैसे शुरू हो जाएगी, बच्चों की पढ़ाई का जो लॉस हुआ है, उसको लेकर अभिभावकों से माफी चाहता हूं, लेकिन यह शिक्षकों की हक की लड़ाई है। आगे ऐसा ना हो और बिना जांच के किसी पर एक्शन लेना गलत है। उन्‍होंने कहा कि पुलिसकर्मियों ने शिक्षकों पर फर्जी धाराएं लगाईं, जिस पर हमारी नाराजगी है।

यह है पूरा मामला

आजमगढ़ के एक प्राइवेट स्‍कूल में हुई छात्रा की मौत के बाद स्‍कूल के प्रिंसिपल और शिक्षक पर कार्यवाही हुई। स्कूल मैनेजमेंट के मुताबिक, स्कूल में छात्रा के फोन लाने पर प्रिंसिपल ने टोका तो उसने विद्यालय की बिल्डिंग से कूदकर अपनी जान दे दी। वहीं, छात्रा के अभिभावकों की शिकायत पर पुलिस ने बिना जांच के ही स्कूल की प्रधानाचार्य और शिक्षक को गिरफ्तार कर लिया। जबकि, अभिभावकों का कहना है कि स्कूल में कोई और घटना हुई है। उनकी बेटी स्‍कूल में कभी मोबाइल लेकर आती ही नहीं थी। स्कूल प्रशासन घटना को छिपाने के लिए ये बहाना बना रहा है।

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