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क्या है कबड्डी का इतिहास, कैसे शुरू हुआ  खेल 

कबड्डी का खेल कब शुरु, कबड्डी का इतिहास क्या है और इसकी शुरुआत किसने कि इसके नाम व दिनांक के प्रमाण तो नही है। लेकिन कबड्डी का इतिहास और इसकि शुरुआत वैदिक काल से मानी जाती है। साथ ही कबड्डी के खेल का जुड़ाव महाभारत काल से भी मिलता है। महाभारत में अर्जुन के पुत्र अभिमन्यु ने कौरवो के रचे गए चक्रव्यू को तौड़ दिया था। मगर वो इससे वापस बाहर नही निकल पाएं थें। बस महाभारत की इसी घटना से इस कबड्डी खेल से जोड़ा जाता है।

कबड्डी के खेल का जन्मदाता वैसे भारत को माना जाता है। मगर कबड्डी के इतिहास खेल का जन्म ईरान में हुआ है इसका दावा भी ईरान कर रहा है। भारत में कबड्डी कि शुरुआत 3 हजार से 4 हजार ई. पूर्व मानी जाती है। वही इस पर ईरान का दावा है की कबड्डी इतिहास की शुरुआत ईरान के सिस्तान शहर में 5 हजार ई. पहले ही हो गई थी।

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इस खेल का उद्भव प्राचीन भारत के तमिलनाडू में हुआ था. आधुनिक कबड्डी इसी का संशोधित रूप है, जिसे विभिन्न जगहों पर अन्य कई नामो से जाना जाता है. ये विश्वस्तरीय ख्याति सन 1936 में बर्लिन ओलिंपिक से मिली. सन 1938 में इसे कलकत्ता में राष्ट्रीय खेलों में सम्मिलित किया गया.

सन 1950 में अखिल भारतीये कबड्डी फेडरेशन का गठन हुआ और कबड्डी खेले जाने के नियम मुक़र्रर किये गये. इसी फेडरेशन को ‘अमैच्योर कबड्डी फेडरेशन ऑफ़ इंडिया’ के नाम से सन 1972 में पुनर्गठित किया गया. इसका प्रथम राष्ट्रीय टूर्नामेंट चेन्नई में इसी साल खेला गया.

कबड्डी को जापान में भी बहुत ख्याति मिली. वहाँ इस खेल को सुंदर राम नामक भारतीय सन 1979 में सबके सामने रखा. सुंदर राम उस समय ‘अमैच्योर कबड्डी’ के एशियाई फेडरेशन की जानिब से इस खेल को लेकर जापान गये थे. वहाँ उन्होंने लोगों के साथ मिल कर दो महीने तक इसका प्रचार किया. सन 1979 में इस खेल का भारत और बांग्लादेश के बीच का मुकाबला भारत में ही खेला गया. सन 1980 में इस खेल के लिए एशिया चैंपियनशिप का आग़ाज़ किया गया, जिसमे भारत ने बांग्लादेश को हरा कर इस टूर्नामेंट को जीता. इस टूर्नामेंट में इन दो देशों के अलावा नेपाल, मलेशिया और जापान भी थे. इस खेल को एशियाई खेल में सन 1990 में शामिल किया गया. इस दौरान इस खेल को बीजिंग में कई अन्य देशों के बीच मुकाबले के साथ खेला गया.

कबड्डी का इतिहास (Kabaddi History In Hindi) भारत से जुड़ा हुआ है। ऐसा माना जाता है कि कबड्डी की शुरुआत भारत में हुई है। भारत का तमिलनाडु राज्य में कबड्डी की उत्पत्ति मानी जाती है। क्रिकेट प्रेमी भारत में कबड्डी को लोकप्रिय होने में समय लगा है।

1. आजादी से पहले 1915 के आसपास महाराष्ट्र में इस खेल को प्रोफेशनल तरीके से खेला गया था। महाराष्ट्र में उस वक्त कबड्डी को खेलने के नियम बनाये गए थे। पहले कबड्डी केवल राष्ट्रीय स्तर पर ही खेला जाता था। वर्ष 1938 में कबड्डी राष्ट्रीय खेलों का हिस्सा बनी थी।

2. वर्ष 1980 में फर्स्ट एशियन कबड्डी चैंपियनशिप खेली गई थी। इस चैंपियनशिप में भारत ने बांग्लादेश को हराकर जीत हासिल की थी।

3. वर्ष 1950 में अखिल भारतीय कबड्डी फेडरेशन का गठन हुआ था।

4. वर्ष 1970 के एशियन गेम में कबड्डी को शामिल किया गया था। एशियन गेम्स में हर बार गोल्ड मेडल भारत ने ही जीता है।

5. कबड्डी का पहला वर्ल्डकप वर्ष 2004 में खेला गया था। भारत ने कबड्डी के अभी तक के सारे वर्ल्डकप जीते है।

6. कबड्डी (Kabaddi) भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, ईरान, श्रीलंका, जापान इत्यादि देशों में ज्यादा प्रसिद्ध है। वैसे इस खेल से एशिआई देश ज्यादा जुड़े हुए है लेकिन कनाडा, ब्रिटेन जैसे देश भी अब कबड्डी खेलने लगे है।

7. वर्तमान में भारत में प्रो कबड्डी लीग का आयोजन होता है। इस लीग ने कबड्डी को घर घर तक पहुचाने का कार्य किया है।

8. कबड्डी खेल को महिलाओं के बीच भी खेला जाता है। वर्ष 2012 में कबड्डी का पहला महिला वर्ल्डकप खेला गया था। भारत की पुरुष और महिला टीम ने विश्व कबड्डी में अपना दबदबा बनाया है।

9. कबड्डी का खेल बांग्लादेश का राष्ट्रीय खेल भी है।

10. कबड्डी का मूल भाव होता है “हाथ थामे रहना”।  इस खेल में पूरी टीम का एफर्ट होता है। खिलाड़ी आपस में हाथ पकड़कर खड़े रहते है।

11. इस खेल को उत्तर भारत में कबड्डी, तमिलनाडु में चादुकट्टू, पूर्व में हु तू तू, पंजाब में कुड्डी कहते है।

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पहला कबड्डी वर्ल्डकप साल 2004 में खेला गया. दूसरा 2007 में और तीसरा साल 2016 में. काफी बड़े स्केल पर खेल को आॅर्गनाइज किया गया और हर बार पहले की तुलना में बेहतर परिणाम सामने आए.

2014 में मेनस्ट्रीम खेल बनने की ओर बढ़ते इस खेल को और भी ऊंचाईयां मिली. लीग की वजह से न सिर्फ घरेलू दर्शक मिले बल्कि इंटरनेशनल आॅडियंस ने भी कबड्डी को सराहा.

महिला कबड्डी को भी हाल के कुछ सालों में काफी प्रोत्साहना मिली. पहला एशियन वीमेन चैंपियनशिप 2005 में खेला गया. साल 2012 में महिलाओं ने पहला वर्ल्डकप भी खेला. प्रो कबड्डी लीग से प्रेरणा लेकर वीमेन कबड्डी चैलेंज की शुरूआत साल 2016 में की गई.

इंटरनेशनल लेवल पर कबड्डी आगे बढ़ रहा है साथ ही भारत इस खेल में अव्वल बना हुआ है. महिला और पुरुष दोनों ने सारे वर्ल्डकप जीते. इसके साथ ही एशियन गेम्स से भी कई गोल्ड मेडल्स देश के लिए लाए गए.

ज्यादा एक्सपोजर को देखते हुए ईरान और बांग्लादेश धीरे-धीरे इस खेल पर अपनी पकड़ मजबूत करने में जुटे हुए हैं जो भारतीय टीम के लिए आने वाले समय में एक बड़ा चैलेंज लेकर आएगी.

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