
लखनऊ: योगी सरकार भूमि सदन देव सिंह को मंत्री बनाए जाने के बाद देश में खाली हुए प्रदेश अध्यक्ष पर सभी की निगाहें हैं। प्रदेश में होने वाले अगले लोकसभा चुनाव की रणनीति को देखते हुए इस पद पर चयन में काफी मशक्कत करनी पड़ रही है। ऐसे में पार्टी में कई दावेदारों के नाम लगातार चर्चा में बने हुए हैं।
अब मीत की जा रही है और आजमगढ़ रामपुर उपचुनाव के तुरंत बाद नए प्रदेश अध्यक्ष की घोषणा की जाएगी क्योंकि दो और 3 जुलाई को राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक होनी है।
आपको बता दें कि पार्टी में एक पद एक सिद्धांत का पालन किया जाता है इस दृष्टि से स्वतंत्र सिंह के मंत्री बनते ही तय हो गया था कि अब उनके स्थान पर किसी और को प्रदेश अध्यक्ष बनाया जाएगा। इतना ही नहीं पार्टी ने प्रदेश अध्यक्ष की तलाश भी शुरू कर दी है ऐसे में पार्टी प्रदेश में संगठन की कमान भी ऐसे कार्यकर्ताओं को सपना चाहेंगे जिसके माध्यम से जाति और क्षेत्र की समीकरण भी साधे जा सके।
पार्टी सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक इस बार पार्टी प्रदेश में किसी दलित को प्रदेश की कमान सौंप सकती है क्योंकि विधानसभा चुनाव में ईश्वर का अच्छा खासा वोट भाजपा को मिला है। यदि लोकसभा चुनाव में या वोट बैंक भाजपा से जुड़ा रहता है तो लोकसभा चुनाव में स्थित और मजबूत हो सकती है इस वाक्य से सांसद विनोद सोनकर विधान परिषद सदस्य विद्यासागर सोनकर अनुसूचित जनजाति के एमएलसी लक्ष्मणाचार्य के नाम पहले से चल रहे हैं और वही इटावा से सांसद और राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के पूर्व अध्यक्ष प्रोफेसर रामशंकर कठेरिया का भी नाम इस सूची में जुड़ गया है।