
नई दिल्ली: देश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा तीनों क्रश कानून आने के बाद दिल्ली बॉर्डर पर 1 साल से ज्यादा चले किसान आंदोलन में शामिल नेताओं ने एक बार फिर आज दिल्ली के सटे हरियाणा के सोनीपत में बैठक की। इस बैठक में गुरुनाम चढूनी, शिवकुमार कक्का जी सहित मोर्चा के सभी नेता मौजूद। इस बैठक में आंदोलन की मुख्य भूमिका में नजर आए भारतीय किसान आंदोलन यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत भी पहुंचे। बैठक में शामिल होने के बाद यह बात निकलकर सामने आ रही है कि राकेश टिकैत ने एक बार फिर प्रदर्शन करने की बात कही उन्होंने कहा कि दिल्ली में 31 जनवरी को प्रदर्शन करेंगे इसी दिन वादाखिलाफी दिवस मनाया जाएगा।
गौरतलब है कि इस बात की समीक्षा भी बैठक में की जा रही है कि सरकार ने उनकी मांगों पर जो सहमत जताई थी उस पर कितना काम हुआ है साथ ही संयुक्त किसान मोर्चा के निर्णय से इतर जो संगठन पंजाब में चुनाव में दावेदारी कर रहे हैं उनको लेकर भी कोई फैसला लिया जा सकता है इसके अलावा कुछ किसान नेता एमएसपी पर बनी कमेटी को भी भंग करने की मांग कर रहे हैं।
आपको बता दें कि नए कृषि कानूनों को रद्द करने, एमएसपी गारंटी कानून बनाने आदि मांगों को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा 1 साल से अधिक समय तक कुंडली बॉर्डर पर प्रदर्शन किया था। वहीं प्रधानमंत्री मोदी के द्वारा कृष कानूनों पर माफी मांगते हुए और उन्हें रद्द करने की बात करते हुए संयुक्त किसान मोर्चा ने प्रदर्शन समाप्त करते हुए घर वापसी का ऐलान किया था और वही अलार्म का तो उन्होंने कहा था कि 15 जनवरी को फिर से बैठक करेंगे और सरकार द्वारा की गई कार्रवाई की समीक्षा का ऐलान करेंगे।