
अशांति स्मिथ 18 की उम्र में दिखने लगी 144 की, इस दुर्लभ बीमारी से थी पीड़ित
बच्ची 'हचिंगसन-गिल्फोर्ड प्रोजेरिया सिंड्रोम' या हचिंगसन-गिल्फोर्ड सिंड्रोम' से पीड़ित थी। इस वजह से उसका शरीर 144 साल के शख्स की तरह दिखाई देता था।
ब्रिटेन के वेस्ट ससेक्स में एक बच्ची की मौत ने सभी का ध्यान अपनी ओर खींच लिया है। इस लड़की के बारे में सोशल मीडिया पर भी वायरल हो रहा है। इस लड़की का नाम अशांति स्मिथ है। 18 साल की होने के बाद भी लड़की का शरीर 144 साल के शख्स की तरह दिखाई देता था। अशांति स्मिथ ने 17 जुलाई को दुनिया को अलविदा कह दिया।
बता दें कि बच्ची ‘हचिंगसन-गिल्फोर्ड प्रोजेरिया सिंड्रोम’ या हचिंगसन-गिल्फोर्ड सिंड्रोम’ से पीड़ित थी। इस वजह से उसका शरीर 144 साल के शख्स की तरह दिखाई देता था। अशांति की मौत के बाद उसकी मां लुईस स्मिथ ने अपनी बेटी की जिंदगी से जुड़ी यादों को लोगों के साथ शेयर किया। लुईस ने कहा कि उसकी बेटी दयालु थी और उसे सभी प्यार करते थे। लुईस हचिंगसन-गिल्फोर्ड प्रोजेरिया सिंड्रोम से पीड़ित दूसरे बच्चों की अपनी बच्ची की तरह मदद करना चाहती हैं।
लुईस ने कहा, “उसे मालूम था कि बीमारी के कारण उसकी जिंदगी कुछ दिनों की है, लेकिन उसने उसके साथ लड़ा और सुखी जीवन बिताया। वह लोगों को हमेशा हंसाया करती थी और अपने सकारात्मक शब्दों से हर किसी का दिल जीत लेती थी। हम उसकी यादों को अपनी जिंदगी में हमेशा संजोकर रखेंगे। विशेषज्ञों के मुताबिक, हचिंगसन-गिल्फोर्ड सिंड्रोम समय से पहले बुढ़ापा आने की स्थिति होती है और ये दिल की समस्याओं, उम्र बढ़ने से जुड़ी दूसरी दिक्कतों का कारण भी बनती है।
प्रोजेरिया से पीड़ित बच्चे जन्म के समय आम तौर पर सामान्य दिखाई देते हैं। पहले साल में लक्षण और संकेत जैसे धीमा विकास और बालों का झड़ना जाहिर होने लगते हैं। पीड़ित बच्चे की औसत जीवन संभावना करीब 12 साल होती है, लेकिन बीमारी के कारण कुछ की छोटी उम्र में मौत हो जाती है और कुछ बच्चे 20 साल या उससे ज्यादा तक जीवित रहते हैं। प्रोजेरिया का कोई इलाज नहीं है, लेकिन जारी रिसर्च से हल निकलने की उम्मीद है।
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