UP: लोकसभा चुनाव से सरकार का बड़ा दांव, 17 OBC जातियों को मिल सकता आरक्षण
17 पिछड़ी जातियों को एससी में शामिल किए जाने के दो रास्ते बताए जा रहे हैं जो नियम के बहाने फसाए भी नहीं साथ केवल राजभर सहित
पूर्वांचल में भारी होगा भाजपा का पलड़ा
लखनऊ: आगामी 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव से पूर्व उत्तर प्रदेश की योगी सरकार प्रदेश की 17 पिछड़ी जातियों कोई बड़ा तोहफा दे सकती है। बता दें कि आरक्षण की आस में दशकों से मझधार में पिछड़ा वर्ग की 17 जातियों की नैया को किनारे मिलता नजर आ रहा है। बता दें कि लोकसभा चुनाव से पहले केंद्र और उत्तर प्रदेश की डबल इंजन की सरकार के रूप में दो पतवार एक ही 1 हार बनकर सत्ता में आई है तो वही दूसरा मौसम भी अंकुर बनता जा रहा है।
आपको बता दें 17 पिछड़ी जातियों को एससी में शामिल किए जाने के दो रास्ते बताए जा रहे हैं जो नियम के बहाने फसाए भी नहीं साथ केवल राजभर सहित 17 जातियों को अनुसूचित जाति का आरक्षण दिला सकते हैं। प्रदेश में पूरी संभावना है कि 2024 लोकसभा चुनाव में भाजपा उत्तराखंड की तर्ज पर 13% आबादी वाली जातियों पर बड़ा धाम चल सकती है।
उत्तर प्रदेश में कहार कश्यप केवट मल्लाह निषाद कुमार प्रजापति धीवर बिंदु भर राजभर धीमान बाथम तोहार गोरिया मांझी महुआ 17 कितनी जातियां हैं जिन्हें संविधान में अनुसूचित जाति का दर्जा दिया गया है लेकिन तकनीकी व राजनीति चलती अनुसूचित जाति की सूची से बाहर हो गई।
अनुसूची संविधान आदेश 1950 के आधार पर 1991 तक में अनुसूचित जाति आरक्षण होगा और बाद में इनका हक राजनीतिक दलों के लिए मुद्दा बन गया है जो चुनाव के दौरान फुटबॉल की तरह राजनीतिक चौखट के कदमों में टकराती रहे। प्रदेश में इन जातियों का लगभग 13% वोट है।
प्रदेश में मायावती की सरकार बनने पर अनुसूचित जाति के आरक्षण का कोटा 21 से बढ़ाकर 25% करने की मांग पर केंद्र सरकार को 17 जातियों का प्रस्ताव बढ़ाया।
पूर्वांचल में भारी होगा भाजपा का पलड़ा
पूर्वांचल में क्षेत्रीय दलों का अच्छा खासा प्रभाव है । क्योंकि पूर्वांचल में पिछड़ी जातियों की आबादी अधिग्रहण निषाद मल्लाह राजभर आदि जातियों की पूर्वांचल के कई जिलों में इतनी आबादी है कि चुनाव में कुल सीटों पर निर्णायक साबित होते हैं इसे देखते हुए भाजपा निषाद पार्टी अपना दल एस को साथ लिए और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी को साथ रखना चाहती है। यदि लोकसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी इन 17 जातियों को अनुसूचित जाति का आरक्षण पिला दे तो पूर्वांचल में भारतीय जनता पार्टी का पलड़ा भारी हो जाएगा।