
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में आगामी होने वाले विधानसभा से पूर्व एक बार फिर नीतीश कुमार ने भारतीय जनता पार्टी की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। बता दें कि अगले साल की शुरुआत में देश के पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं लेकिन सभी दलों की निगाहें केवल उत्तर प्रदेश पर टिकी है क्योंकि उत्तर प्रदेश की सत्ता से ही केंद्र की सत्ता का रास्ता बनता है। आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश की सत्ताधारी बीजेपी से लेकर सपा, बसपा और कांग्रेस के साथ-साथ बिहार में राजनीति आधार रखने वाली सियासी पार्टियां भी अब उत्तर प्रदेश की राजनीति में दमखम भर रही है। क्रम में जनता दल यूनाइटेड के संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने दावा किया है कि आगामी उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में जनता दल यूनाइटेड हर हाल में प्रदेश में विधानसभा चुनाव लड़ेगी। इतना ही नहीं उन्होंने यह भी कहा कि यदि केंद्र में एनडीए के बैनर तले बिहार में एनडीए का हिस्सा है इसलिए एनडीए के बैनर तले उत्तर प्रदेश में भी चुनाव लड़ेगी।
उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि बीजेपी के साथ यूपी चुनाव को लेकर सियासी गठबंधन करना प्राथमिकता है लेकिन अगर बीजेपी से बात नहीं बनी तो जेडीयू उत्तर प्रदेश में अकेले चुनाव लड़ेगी और फिर उसके मुफीद 86 दल मिलने पर वह अन्य दलों से गठबंधन कर चुनाव लड़ेगी। आपको बता दें कि ओवैसी की तरह उत्तर प्रदेश में उपेंद्र कुशवाहा भी जनता की नब्ज टटोलने के लिए जिलों जिलों का दौरा कर रहे हैं उस दौरान कुशवाहा ने कहा कि पार्टी की रणनीति है कि कितने सीट पर चुनाव लड़ का सम्मानजनक स्थिति में पहुंचा जाए ताकि पार्टी को चुनाव आयोग से मान्यता मिल जाए।