
सिद्धार्थनगर : 13 नवंबर से शुरू होगा भारतभारी मेला
कुंड पर स्नान करते हैं और इसके बाद मंदिर में पूजा-पाठ
सिद्धार्थनगर: हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी कार्तिक पूर्णिमा से पूर्व भारतभारी मेला 13 नवंबर से शुरू होगा। भारतभारी मेला का आयोजन उस जगह होता है जहां तीन काल खंडों का इतिहास है। बताया जाता है कि यहां प्रदेश के कोने-कोने से आए श्रद्धालु यहां पर बने कुंड पर स्नान करते हैं और इसके बाद मंदिर में पूजा-पाठ करते हैं।
कुंए में मिलते हैं नर कंकाल
गौरतलब है कि बनारस हिंदू विश्वविद्यालय तथा गोरखपुर विश्वविद्यालय के प्राचीन इतिहास के प्रोफेसर सतीश चंद व कृष्णानंद त्रिपाठी ने भारत भारी का स्थल निरीक्षण किया यहां उन्होंने मूर्तियों, धातुओं, पूरा अवशेषों के निरीक्षण के बाद एक समृद्ध सभ्यता होने की बात कही। उन्होंने बताया कि कुएं के नीचे दी वालों के बीच में कहीं-कहीं लगभग 8 फीट लंबी नर कंकाल मिलते हैं। इतने पुराने होते हैं तो उनको छूते ही वर्धक हो जाते हैं। कृष्णानंद त्रिपाठी ने बताया कि इन कंकालों को देखने के लिए गोरखपुर विश्वविद्यालय के प्राचीन इतिहास विभाग के संग्रहालय में रखा गया है।