
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में आगामी होने वाले विधानसभा चुनाव को अब 3 महीने से कम काफी समय बचा है ऐसे में चुनाव आयोग ने इस बार आगामी विधानसभा चुनाव होने से पहले एक बड़ा फैसला किया है। बता देंगे इलेक्शन कमीशन के अनुसार इस बार ढाई सौ से अधिक प्रत्याशी विधानसभा का चुनाव नहीं लड़ सकेंगे चुनाव आयोग के इस फैसले ने यूपी चुनाव लड़ने वाले नेताओं को बड़ा झटका दिया है। क्योंकि चुनाव आयोग ने इन लोगों को चुनाव लड़ने के अयोग्य करार दिया।
गौरतलब है कि चुनाव आयोग ने 257 लोगों को आयोग घोषित करने के पीछे खर्च का ब्यौरा नहीं देना बताया है चुनाव आयोग ने पिछले लोकसभा विधानसभा चुनाव में लोगों के द्वारा चुनाव लड़ने में परिणाम आने के 1 महीने के बाद समय से और सही ढंग से अपनी चुनावी खर्चे का ब्यौरा आयोग को नहीं दिया था जिसके चलते इस बार चुनाव आयोग ने सख्त कदम उठाते हुए कार्रवाई की है। बता दें कि 257 लोगों में 34 लोग 2019 का लोकसभा चुनाव लड़े थे बाकी 213 लोग 2017 का विधानसभा चुनाव में प्रत्याशी थे।
दरअसल इलेक्शन कमिशन के द्वारा बनाई गई सूची में इनमें सबसे ज्यादा निर्दलीय उम्मीदवारों को झटका है आपको बता दें कि राजनीतिक दलों के उम्मीदवारों ने पिछले विधानसभा चुनाव के परिणाम आने के बाद अपनी चुनावी खर्च का विवरण नहीं दिया था जबकि कुछ प्रमुख राजनीतिक दलों के बीच में उम्मीदवार शामिल हैं।
आयोग से मिली जानकारी के मुताबिक सबसे ज्यादा 12 प्रत्याशी लोकदल के हैं 6 प्रत्याशी पीस पार्टी 5 एनसीपी चार चार प्रत्याशी सीपीआई और बीएसपी के जबकि ओवैसी और निषाद पार्टी के दो प्रत्याशी हैं।[p