UP ATS का PFI के खिलाफ छापा, पांच शहरों से टीम की हिरासत में 14 संदिग्ध
एटीएस ने मेरठ में पत्नी का इलाज कराने आए सपा नेता को भी हिरासत में लिया
लखनऊ: उत्तर प्रदेश आंतकवाद निरोधी दस्ता (ATS) ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के ठिकानों पर शनिवार सुबह से देर रात तक ताबड़तोड़ छापेमारी की। इस दौरान लखनऊ, मेरठ, वाराणसी, गाजियाबाद और आजमगढ़ से 13 संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है। इस मामले में मेरठ में पत्नी का इलाज कराने आए समाजवादी पार्टी के नेता अब्दुल खालिक अंसारी को भी पकड़ा गया है। एटीएस को शक है कि सभी लोग पीएफआई एजेंट्स के संपर्क में हैं। फिलहाल, इन सभी से पूछताछ की जा रही है। हालांकि, अभी तक इसकी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है।
लखनऊ में फोटो कॉपी की दुकान से पकड़ा गया युवक
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, एटीएस ने विकासनगर से शनिवार दोपहर बाद एक फोटो कॉपी की दुकान से एक युवक को हिरासत में लिया और उसे अपने साथ ले गई। एटीएस को आशंका है कि युवक का पिछले दिनों कुर्सी गांव और इटौंजा में पकड़े गए पीएफआई एजेंट से संबंध है।
वाराणसी में चार, मुरादाबाद में एक संदिग्ध को उठाया
वाराणसी में एटीएस ने पुलिस की सहायता से चार संदिग्धों को हिरासत में लिया। इनको पकड़ने के लिए टीम ने जैतपुरा, आदमपुर, भेलूपुर, कोतवाली, सारनाथ और चौक थाना क्षेत्र में शनिवार सुबह से ही छापेमारी शुरू कर दी थी। इनके पास से मिले लैपटॉप और मोबाइल से कई संदिग्ध और देश विरोधी गतिविधियों से जुड़ी सामग्री पाई गई हैं। इसी तरह मुरादाबाद से एक संविदाकर्मी युवक को उठाया गया, जो अपने ब्लॉक में पीएफआई का प्रचार-प्रसार कर रहा था।
आजमगढ़ में तीन और मेरठ में पांच को पकड़ा
एटीएस टीम ने आजमगढ़ में मुबारकपुर थाना क्षेत्र और निजामाबाद से तीन लोगों को उठाया गया है। शक है कि इनके तार पीएफआई से जुड़े हैं। हालांकि, इस बारे में जनपद का कोई भी अधिकारी या कर्मचारी कुछ भी बोलने से बच रहा है। वहीं, मेरठ के लिसाड़ीगेट और कोतवाली थाना क्षेत्र से पांच संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है।
सपा नेता को भी हिरासत में लिया गया
ATS टीम ने लिसाड़ी गेट इलाके से समाजवादी पार्टी के नेता अब्दुल खालिक अंसारी और मवाना के हीरा लाल मोहल्ला से मोहम्मद मूसा को हिरासत में लिया है। अब्दुल खालिक बुदलंशहर से सपा महानगर अध्यक्ष भी रह चुका है। वह शनिवार को पत्नी का इलाज कराने अपने भाई के घर मेरठ आया था। यहीं से एटीएस की टीम उसे लेकर गई है। इसके अलावा एटीएस की टीम ने बागपत, गाजियाबाद, बुलंदशहर और शामली में भी छापेमारी की है।
2022 में भी की गई थी छापेमारी
केंद्र सरकार ने PFI पर 2022 में बैन लगा दिया था। इससे पूर्व बिहार के फुलवारी शरीफ में PFI का एक अहम दस्तावेज पुलिस के हाथ लगा था, जिसमें पीएफआई ने बताया था कि साल 2047 में वो भारत को इस्लामी राष्ट्र बनाने की तैयारी कर रहा है। बिहार पुलिस ने पीएफआई के दो एजेंट भी गिरफ्तार किए थे। इसके बाद ही NIA ने पीएफआई के खिलाफ देशभर में ताबड़तोड़ छापेमारी की थी। इसमें बहुत ही दहलाने वाले सबूत मिले थे, जिनकी बिनाह पर केंद्र सरकार ने PFI पर बैन लगाया था।