केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारतीय जहाजरानी कंपनियों को दी सब्सिडी की मंजूरी
बजटीय समर्थन सीधे संबंधित मंत्रालय/विभाग को उपलब्ध कराया जाएगा। सब्सिडी समर्थन सिर्फ उन्हीं जहाजों को दिया जाएगा
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को कई योजनाओं को मंजूरी दी। इन योजनाओं के साथ केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंत्रालयों और केंद्रीय लोक उपक्रमों (सीपीएसई) की वैश्विक निविदाओं में सरकारी माल के आयात के लिए भारतीय जहाजरानी कंपनियों सब्सिडी देने की योजना को मंजूरी दी। मंत्रिमंडल ने भारतीय जहाजरानी कंपनियों को पांच वर्षों के दौरान 1,624 करोड़ रुपए की सब्सिडी देने की योजना को मंजूरी दी।
खबरों के अनुसार, एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि दुनिया के सर्वश्रेष्ठ जहाजों के पंजीयन की तरह 72 घंटों के भीतर ऑनलाइन पंजीकरण किया जाएगा। इससे भारत में जहाजों का पंजीकरण आसान हो जाएगा। इस पहल का मकसद किसी भी ध्वजवाहक पोत को भारतीय चालक दल के साथ चालक दल को बदलने के लिए 30 दिन का समय देना है।
बता दें कि भारतीय ध्वजवाहक जहाजों को होने वाले लागत नुकसान को दूर करने के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में पांच वर्षों में 1,624 करोड़ रुपए की सब्सिडी सहायता देने की घोषणा की थी। जहाजों को अंतरराष्ट्रीय मानकों के साथ जोड़कर उन पर कार्मिक आवश्यकताओं को युक्तिसंगत बनाने के लिए भी कदम उठाए जा रहे हैं।
बयान के अनुसार, बजटीय समर्थन सीधे संबंधित मंत्रालय/विभाग को उपलब्ध कराया जाएगा। सब्सिडी समर्थन सिर्फ उन्हीं जहाजों को दिया जाएगा, जिन्होंने योजना के कार्यान्वयन के बाद ठेका हासिल किया है और 20 साल से ज्यादा पुराने जहाज योजना के अंतर्गत किसी प्रकार की सब्सिडी के लिए पात्र नहीं होंगे। योजना की समीक्षा पांच साल बाद की जाएगी।
इस समय भारतीय बेड़े की क्षमता के लिहाज से वैश्विक बेड़े में महज 1.2 प्रतिशत हिस्सेदारी है। भारत के निर्यात व्यापार की ढुलाई में भारतीय जहाजों की हिस्सेदारी 1987-88 के 40.7 प्रतिशत से गिरकर 2018-19 में महज 7.8 प्रतिशत ही रह गई है। इसके चलते विदेशी पोत परिवहन कंपनियों को माल ढुलाई बिल भुगतान के मद में विदेशी मुद्रा का प्रवाह बढ़ गया है।
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