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उमेश पाल अपहरण केस: अतीक अहमद समेत तीन को उम्रकैद, अशरफ सहित सात बरी   

अहमद व दिनेश पासी, वकील खान शौलत हनीफ़ को सुनाई उम्रकैद की सजा

प्रयागराज: वर्ष 2006 के उमेश पाल अपहरण कांड में प्रयागराज की एमपी/एमएलए कोर्ट ने रविवार को सजा का ऐलान कर दिया है। कुछ देर पहले कोर्ट ने इस मामले में अतीक अहमद समेत कुल तीन आरोपियों को दोषी करार दिया था। साथ ही अदालत ने मामले में अतीक के भाई समेत सात आरोपियों को बरी कर दिया है।

बसपा विधायक राजू पाल हत्याकांड के गवाह उमेश पाल के अपहरण मामले में आज एमपी/एमएलए कोर्ट ने अतीक अहमद को दोषी माना है। अतीक के साथ दो अन्य आरोपियों शौलत हनीफ और दिनेश पासी को भी कोर्ट ने दोषी करार दिया है। इस मामले में कोर्ट ने माफिया अतीक समेत तीनो दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। बाकी जिन सात आरोपियों को कोर्ट ने बरी किया है, इनमें अतीक अहमद का भाई अशरफ, फरहान, जावेद, इशार, आसिफ मल्ली और अंसार दोषी शामिल हैं।

अतीक अहमद पर सैकड़ों केस दर्ज, 57 में चल रहा ट्रायल  

गौरतलब है कि अतीक अहमद पर जुर्म की दुनिया में कदम रखने से लेकर अब तक सैकड़ों मुकदमें दर्ज किए गए, जिसमें से अभी 57 मुकदमों में ट्रायल चल रहा है। लेकिन, उमेश पाल हत्याकांड पहला ऐसा मामला है जिसमें अतीक को दोषी पाया गया और उसे सजा सुनाई गयी है। इससे पहले तमाम मुकदमों में या तो जज ने खुद को अलग कर लिया या फिर गवाह और सुबूतों का अभाव देखने को मिला था।

पूरे मामले की जानकारी के लिए आपको बता दें कि बसपा विधायक राजूपाल की 25 जनवरी, 2005 को हत्या कर दी गई। इस हत्याकांड में उसके साथ मौजूद देवीलाल पाल और संदीप यादव की भी मौत हो गई। पूरे मामले में उमेश पाल मुख्य गवाह था। राजू पाल हत्याकांड में गवाही न देने के लिए 28 फरवरी, 2006 को उमेश पाल का अतीक अहमद ने अपने सहयोगियों के साथ मिलकर अपहरण कर लिया। इसके बाद उसे चकिया स्थित कार्यालय ले जाया गया, जहां पर तीन दिन तक उमेश पाल को टॉर्चर किया गया और 1 मार्च, 2006 को अपने पक्ष में कोर्ट में गवाही दिलाई गई।

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