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हरिद्वार में कांवड़ यात्रा पर मंडराया आतंकी हमले का खतरा , इलाके में जारी किया गया हाई अलर्ट

देहरादून : सावन महीने के शुरू होने के साथ ही हिन्दू धर्म में लोग इस शिव भगवान का माह मानते है. इसके साथ ही यह साल का एक पवित्र माह माना जाता है, जिसके साथ ही हर वर्ष सावन माह में कांवड़ यात्रा का भी आयोजन किया जाता है. लेकिन इस साल कांवड़ यात्रा पर आतंकी हमला का खतरा बना हुआ है. जिसके चलते सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट मोड पर है. इसके मद्देनजर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने यूपी, उत्तराखंड, दिल्ली , मध्य प्रदेश समेत संबंधित राज्यों को अलर्ट जारी किया है. कांवड यात्रा को आतंकियों के बुरे साये से बचाने के लिए हरिद्वार से लेकर ऋषिकेश तक पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था को कड़ा कर दिया है.

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आपको बता दे की 14 जुलाई से सावन माह का प्रारम्भ हुआ है.  इसके साथ कांवड यात्रा शुरू हो चुकी है, हर साल सावन के पवित्र महीने में लाखों शिवभक्त यूपी, हरियाणा, दिल्ली, मध्यप्रदेश समेत कई राज्यों से हरिद्वार, ऋषिकेश पहुंचकर पवित्र गंगा जल को ले जाते हैं. दो सालों बाद आयोजित हो रही कांवड़ यात्रा को लेकर इस साल लोगों में उत्साह देखने को मिल रहा है. शिवभक्तों के हुजूम को देखते हुए पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम पहले से ही किए हुए हैं. लेकिन केंद्रीय गृह मंत्रालय की चेतावनी के बाद अब पुलिस हाई अलर्ट पर आ गई है. आशंका है कि आतंकी कांवड़ियों के भेष में किसी बड़ी वारदात को अंजाम दे सकते हैं.

कांवड़ यात्रा मार्ग पर रहेगी CCTV  कैमरों से निगरानी

कांवड़ियों की सुरक्षा व्यवस्था को उत्तराखंड के डीजीपी अशोक कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि, ”सुरक्षा एजेंसियों द्वारा इनपुट जारी किए जाने के बाद से पुलिस हाई अलर्ट में आ गई है. पुलिस ने हरिद्वार, ऋषिकेश के होटलों में ठहरने वालों के अलावा बॉर्डर एरिया से आने वाले वाहनों की चौकसी भी बढ़ा दी है. इसके अलावा हरिद्वार और नीलकंठ में 400 से अधिक सीसीटीवी कैमरों से निगरानी की जा रही है. बम डिस्पोजल स्क्वॉयड की टीमें, डॉग स्क्वायड और एंटी टेरिरज्म स्क्वायड के कमांडों तैनात किए गए हैं.”

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डीजीपी ने दी ये जानकारी 

केंद्र से सीआईएसएफ की 6 कंपनियों की और मांग की गई हैं. सीआईएसएफ की पांच कंपनियां पहले से ही की सुरक्षा में तैनात हैं. डीजीपी ने बताया कि, ”कांवड यात्रा संवेदनशील होने के कारण इस पर आतंकी खतरा हमेशा से मंडराता रहा है, लेकिन इस साल एक तो कांवडियों की भारी तादाद और उस पर देशभर में चल रही गतिविधियों को देखते हुए इसको लेकर अलर्ट और बढ़ गया है. उन्होंने बताया कि इस साल करीब 4 करोड़ कांवडियों के उत्तराखंड पहुंचने की उम्मीद है.”

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