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मास्क में नमी आने से है ब्लैक फंगस का खतरा, ऐसे करें बचाव

देश में कोरोना वायरस महामारी के आंकड़े जहां कम होने लगे वही एक नई मुसीबत लोगों का जीना मुश्किल करने लगी दरअसल कोरोना वायरस संक्रमण से स्वस्थ हुए मरीजों में ब्लैक फंगस नामक बीमारी पाए जाने लगी जिसके बाद कई राज्यों में इस बीमारी को महामारी भी घोषित कर दिया गया है जिसमें उत्तर प्रदेश भी शामिल है।

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There is a danger of black fungus

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आपकी जानकारी के लिए बता दें कि यह बीमारी की तरह ही जानलेवा साबित हो सकती है अगर वक्त रहते इसका इलाज न किया गया तो, हालांकि इस बीमारी के लिए जो इंजेक्शन इस्तेमाल किया जा रहा है उसकी भारत में काफी किल्लत चल रही है यह बात दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कही थी कि सिर्फ दिल्ली में ही नहीं बल्कि देश में भी इस इंजेक्शन की किल्लत है ऐसे में बचाव ही ब्लैक संदेश का एकमात्र उपाय है।

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि अभी तक लोगों द्वारा इस्तेमाल की जा रही स्टेरॉइड्स को इस ब्लैक फंगस का कारण बताया जा रहा था लेकिन अब एक नई बात सामने आई है कि अगर आपके मास्क में नमी है तो ब्लैक फंगस पनप सकता है। आंखों के वरिष्ठ रोग विशेषज्ञ डॉक्टर एस एस लाल ने एक निजी मीडिया एजेंसी से बातचीत के दौरान कहा कि ब्लैक फंगस नामक इस रोग के होने के पीछे लंबी अवधि तक इस्तेमाल किया जा रहा मास्क हो सकता है ।

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मास्क में जमा होने वाली गंदगी के कारण आंखों में फंगस इंफेक्शन होने की संभावना बन रही है इसके अलावा मास के में नमी होने पर भी कई इंफेक्शन फैल सकते हैं जिसमें एक ब्लैक फंगस भी है। उन्होंने बताया कि आईसीयू में भर्ती कोरोना वायरस संक्रमण के मरीज को लंबे समय तक इलाज के दौरान लगाए जाने वाले ऑक्सीजन के कारण भी यह फंगस फैल रहा है उन्होंने कहा कि को भी मरीज को स्टेरॉइड्स की हाइट डोस दी जाती है जिसकी वजह से मरीज का शुगर लेवल काफी ज्यादा बढ़ जाता है जिसकी वजह से संक्रमण के बढ़ने की संभावनाएं बढ़ जाती है।

कहां से शुरू होता है ब्लॉक फंगस

नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉक्टर लाल का कहना है कि ब्लैक फंगस के संक्रमण की शुरुआत नाक से होती है नाक से लाल या फिर ब्राउन रंग का न्यूकस जब बाहर निकलता है तो यह शुरुआती लक्षण ब्लैक फंगस का माना जाता है फिर यह धीरे-धीरे आंखों में पहुंच जाता है नेत्र में लाली पन डिस्चार्ज होना कंजेक्टिवाइटिस के जैसे लक्षण इस रोग में दिखने लगते हैं। वही आंखों में देखना पूरी तरह से समाप्त हो जाता है इस संगत का असर नेत्रों के रेटिना पर सीधे पड़ता है इसके बाद दिमाग की नसें और नर्वस सिस्टम के साथ-साथ दिल तक जाने के बाद यह इंसान की मृत्यु का कारण बन जाता है।

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कैसे करें बचाव

इस संक्रमण से बचने के लिए आप इस बात का ध्यान रखें कि जब भी आपको मास्क इस्तेमाल करना हो तो आप उसे डिटेल से अच्छी तरह धो कर ही रखें अन्यथा अगर आप अपने मास्को को पानी से धोते हैं तो उसे धूप में सुखाएं क्योंकि बरसात के मौसम में फंगस लगने की संभावनाएं बढ़ जाती है।

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