
दूसरे धर्मों के लिए खतरा बना तालिबान, ऐतिहासिक गुरुद्वारे से हटाया निशान साहिब
वहीं तालिबान की ओर से इस खबर को खारिज किया गया है। इस बारे में तालिबान कहा कि ऐसी खबरें आधारहीन हैं।
अफगानिस्तान में तालिबान का आतंक बढ़ता ही जा रहा है। अफगानी लोगों के साथ यह दूसरे धर्म के लिए भी खतरनाक साबित हो रहे हैं। अफगानिस्तान में रह रहे लोग चाहे वह किसी धर्म के हों, खौफ में जी रहे हैं और दूसरे धर्म के लोगों के लिए मुसीबतों का दौर शुरू हो गया है। बीते कुछ दिनों में कवि, लेखक, कॉमेडियन समेत कई लोगों को तालिबान मौत के घाट उतार चुका है। यही नहीं भारतीय पत्रकार दानिश सिद्दीकी की भी तालिबान ने हत्या कर दी गई थी।
वहीं तालिबान ने दानिश सिद्दीकी की हत्या से इनकार किया था।खबरों के मुताबिक, अफगानिस्तान के पक्तिया प्रांत में स्थित चमकानी इलाके के गुरुद्वारा थाला साहिब की छत से तालिबान ने सिखों के पवित्र ध्वज निशान साहिब को उतरवा दिया है। इस ऐतिहासिक गुरुद्वारे पर श्री गुरु नानक देव भी गए थे। वहीं तालिबान की ओर से इस खबर को खारिज किया गया है। इस बारे में तालिबान कहा कि ऐसी खबरें आधारहीन हैं।
पक्तिया में सदियों से सिख और हिंदू समुदाय के लोग रहते आए हैं। हम उनके अधिकारों के लिए तत्पर हैं। किसी भी अन्य अफगान नागरिक की तरह ही वे अपनी सामान्य जिंदगी जी सकते हैं। पत्रकार नवीन कुमार ने इसे लेकर एक ट्वीट भी किया है, जिसमें ध्वज के स्थान से निशान साहिब हटा दिख रहा है। इसी गुरुद्वारे से बीते साल निदान सिंह सचदेवा नाम के शख्स को किडनैप कर लिया गया था।
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