Politics
Trending

सतीश पुनिया के 22 साल पुराने लेटर पर मचा बवाल, ट्वीट कर बोले- अजब सियासत की गजब कहानी

वर्तमान बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया की 22 साल पुरानी एक चिट्ठी के सोशल मीडिया में वायरल होने से राजस्थान बीजेपी में बवाल मच गया है। पूनिया ने जब यह चिट्ठी लिखी थी तब वे बीजेपी युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष थे।

जयपुर। राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी की अंदरुनी कलह से सियासत गर्माती नजर आ रही है। पार्टी कार्यालय में पोस्टर विवाद और पूर्व मंत्री रोहिताश्व शर्मा को नोटिस के बाद अब लेटर बम की सियासत सामने आई है। BJP के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया का यह पत्र भले ही 22 साल पुराना हो, लेकिन इसमें बीजेपी के मौजूदा बड़े नेताओं पर आरोप जड़े हुए हैं। पत्र में उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र सिंह राठौड़ और राम सिंह कस्वां को भस्मासुर की संज्ञा दी गई है।

आपको बता दें कि चुनावों में टिकट नहीं मिलने से नाराज होकर 1999 में सतीश पूनिया के भारतीय जनता युवा मोर्चा प्रदेशाध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के तीन पेज के वायरल लेटर पर सियासी हलकों में कई तरह की चर्चाएं हैं। 22 साल पुराने पत्र को अब सामने लाने को पूनिया ने अजब सियासत की गजब कहानी बताया है।

पूनिया ने ट्वीट कर लिखा- 22 वर्ष पुराना पत्र इस समय जारी होना अजब सियासत की गजब कहानी है। फिर भी मैं तब भी कार्यकर्ताओं के साथ था अब भी साधारण कार्यकर्ताओं का प्रतिनिधि हूं। पार्टी के मंच पर कही गई बात के बाद ही नेतृत्व ने मुझे पार्टी में महत्वपूर्ण दायित्व दिए जिनका मैंने निष्ठापूर्वक निर्वहन किया।

गौरतलब है कि बीजेपी में वसुंधरा राजे के समर्थक और प्रदेश अध्यक्ष पूनिया के बीच लगातार घमासान बढ़ता ही जा रहा है। वहीं यह विवाद वसुंधरा राजे के पार्टी कार्यालय पर लगे पोस्टर को हटाने से बढा है। इसके बाद वसुंधरा समर्थक पूर्व मंत्री रोहिताश्व शर्मा को अनुशासनहीनता के नोटिस ने आग में घी डालने का काम किया। हालांकि वसुंधरा की ओर से इन पर कोई टिप्पणी नहीं आई है, लेकिन पार्टी पदाधिकारियों ने राजे के पोस्टर हटाने को सही ठहराया है।

इस लेटर बम के बढ़ते विवाद पर पूनिया ने कहा कि यह उनके खिलाफ सियासी षडयंत्र है। 22 साल पुराने पत्र का अब सामने लाने का क्या औचित्य है ? उस वक्त की राजनीतिक परिस्थितियों के हिसाब से यह पत्र लिखा गया था। उसे उसी संदर्भ में देखा जाना चाहिए। मैं गांव का व्यक्ति हूं तो शहरी लोगों को पसंद नहीं आ रहा हूं। अब इस पत्र की कोई रिलेवेंसी नहीं है।

Follow Us
Show More

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
%d bloggers like this: