लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सरकार में पारदर्शिता लाने और भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति को आगे बढ़ाते हुए एक कठोर फैसला लिया। फैसला लेते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी मंत्रियों को सख्त हिदायत दी है कि वे किसी भी तरीके महंगे गिफ्ट को स्वीकार ना करें। उन्होंने कहा कि यदि कोई भी मंत्री 5000 से अधिक का गिफ्ट स्वीकार करता है तो उसे सरकारी संपत्ति समझा जाएगा और उस तोहफे को सरकारी खजाने में जमा करवाना होगा इतना ही नहीं वही किसी भी संस्था द्वारा सम्मान लेने से पहले भी उसकी स्वीकृति लेनी होगी।
दरअसल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंत्रियों को कहा कि किसी भी सम्मान समारोह में शामिल होने से पहले उस संस्था या संगठन की जांच अवश्य कर लें कि कहीं उस पर किसी तरह का आरोप तो नहीं। इतना ही नहीं उन्होंने सख्त हिदायत देते हुए कहा कि विदेशों की संस्थाओं का सम्मान लेने से पहले मंत्रियों को अनुमति लेनी होगी और उसकी जांच करानी होगी। मुख्यमंत्री के इस कदम को सरकार की पारदर्शिता जनता के प्रति जवाबदेही के तौर पर देखा जा रहा है। अक्सर देखा जाता है कि मंत्रियों और जनप्रतिनिधियों को संस्थाओं और संगठनों के द्वारा महंगे तोहफे से सम्मानित किया जाता है।