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उत्तरकाशी से किन्नौर की ट्रैकिंग रूट को किया गया बंद, जानिए क्या है वजह ?

उत्तरकाशी : उत्तरकाशी से किन्नौर को जोड़ने वाले चार उच्च हिमालयी रूट ट्रैकिंग रूट पर प्रतिबन्ध लगा दिया गया है।किन्नौर के जिला उपायुक्त आबिद हुसैन सादिक के पत्र के आधार पर उत्तरकाशी के जिलाधिकारी अभिषेक रुहेला(Abhishek Ruhela) ने ट्रैकिंग पर रोक लगाए जाने का फैसला लिया गया है।

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इस ट्रैकिंग रूट पर इतने लोग गंवा चुके है जान

उत्तरकाशी से किन्नौर की ट्रैकिंग रूट पर कई सारे ट्रैकरों की जान जा चुकी है। आंकड़ों पर गौर करें तो बीते पांच सालों में नौ ट्रैकर और तीन पोर्टर की मौत हो चुकी है । हालांकि की इस ट्रेकिंग रूट को लेकर प्रशासन की इस कार्यवाही से ट्रैकिंग एजेंसियों के नुकसान के साथ – साथ ट्रांस हिमालय ट्रैकिंग के अभियान खासा नुकसान का सामना करना पडा है।

मंगलवार को मृत ट्रैकर  का शव हुआ बरामद 

बीते हफ्ते बिना अनुमति के उत्तरकाशी के लिवाडी गांव से खिमलोगा ग्लेशियर के लिए गये ट्रैकिंग दल से शामिल नादिया (बंगाल) के एक ट्रैकर की मौत हो गई थी, जबकि एक ट्रैकर घायल हुआ है। मृत ट्रैकर का शव मंगलवार को भी नहीं निकाला जा सका।

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किन्नौर के जिला उपायुक्त ने लिखा पत्र

इसी बीच किन्नौर के जिला उपायुक्त आबिद हुसैन सादिक ने उत्तरकाशी के जिलाधिकारी को पत्र लिखकर उत्तरकाशी से किन्नौर को जोड़ने वाले ट्रैकिंग रूट पर प्रतिबंध लगाने का आग्रह किया। इस पत्र में सादिक ने लिखा कि, ”किसी भी ट्रैकर व ट्रैकिंग दल को गंगोत्री राष्ट्रीय पार्क  उत्तरकाशी वन प्रभाग और गोविंद वन्यजीव राष्ट्रीय पार्क से किन्नौर की ओर जाने की अनुमति न दी जाए।
पत्र में उत्तरकाशी व किन्नौर को जोड़ने वाले ट्रैकिंग रूट पर हालिया वर्षों में हुई दुर्घटनाओं का भी उल्लेख किया गया है।”

इन चार ट्रैकिंग रूट लगी रोक 

जिलाधिकारी रुहेला ने उत्तरकाशी से किन्नौर जिले को जोड़ने वाले चार ट्रैकिंग रूट पर रोक लगाने का फैसला लिया है।  उन्होंने बताया कि, ”इसके लिए वन विभाग, गंगोत्री नेशनल पार्क व गोविंद वन्यजीव विहार राष्ट्रीय पार्क के अधिकारियों को निर्देशित कर दिया गया है। अमृत रिले लांग रेंज पेट्रोलिंग (एलआरपी) भी किन्नौर से लम्खागा होते हुए हर्षिल पहुंची।”

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