Coca-Cola Vs Pepsi एक ऐसी लडाई जिसने खेल के मैदान से लेकर अंतरिक्ष तक पीछा नहीं छोड़ा और छिड़ गई कोला वॉर
आजकल Coca-Cola और Pepsi हर दूसरा इंसान पीता है। वजह इन कोलड्रिंकस का टेस्ट दिलचस्प होना और हो भी क्यों न आखिरकार ये ड्रिंक्स के क्षेत्र में इतनी पुरानी और विश्वास पात्र कंपनियां जो हैं, लेकिन टेस्ट के साथ इन राइवल कंपनियों की लड़ाई भी उतनी ही पुरानी हैं। ये कंपनियां हमेशा से आपस में टकराईं हैं और ये लड़ाई आज भी जारी है।
कोका- कोला की चुनौती है कि एक ग्रुप के रूप में पेप्सिको का टर्नओवर उससे ज्यादा है वहीं मॉर्केटिंग दांवपेच में पेप्सिको कभी कोका कोका से आगे नहीं निकल पाई।
दोनों कंपनियों की लड़ाई कहना गलत होगा, क्योंकि दोनों कंपनियों के बीच तो जंग छिड़ गई थी जिसे कोला वॉर कहा जाता हैं। राइवल कंपनी के बीच लड़ाई होती है, लेकिन ये लड़ाई 70 के दशक से ही शुरू हो गई थी। कोला वॉर दिलचस्प इसलिए भी थी क्योंकि दोनों कंपनियों ने एक दूसरे को मात देने के लिए नई मार्किट स्ट्रेटजी पर काम किया था।
कोक की गलती या पेप्सी को दोबारा उठने का मौका- तो कुछ इस तरह हुई लड़ाई की शुरुआत
यह बात तो साफ है कि कोका-कोला पेप्सिको के पहले आई थी और लोगों की पहली पसंद भी थी,इसलिए पेप्सिको को बाजार में पैर जमाने के लिए कई बड़े बदलाव करने की जरूरत थी। कुछ समय बाद नौबत यह आ गई कि पेप्सी को बड़ा नुकसान उठाना पड़ा था इस पेप्सी के साथ दो बार हुआ की कंपनी बेचने के हालात हो गए थे। उस समय Roy Megargel ने पेप्सी को कोका- कोला को बेचने का सोच लिया था (Roy Megargel ने Caleb Bradham से पेप्सी को खरीदा था) लेकिन राइवल कंपनी कोका- कोला ने पेप्सी को खरीदने से मना कर दिया। उसके बाद Carlers Guth ने पेप्सी को नई पहचान दी। Guth की एक कैंडी की दुकान थी और पेप्सी को बेचने के लिए उन्होंने कोका- कोला से मार्किटिंग प्लेटफॉर्म के लिए बात की, लेकिन कोका- कोला ने साफ मना कर दिया इस बात से नाराज हो उन्होंने अपनी दुकान पर कोका- कोला की बोतल रखना बंद कर दिया। यह काफी बड़ा रिस्क था। क्योंकि लोगों की जुवान पर कोका- कोला का टेस्ट था। दूसरा कारण कोका- कोला का शानदार विज्ञापन भी था। Guth ने Roy Megargel के साथ मिलकर टेस्ट में कुछ बदलाव किए और कैंडी स्टोर पर पेप्सी के कंटेनर भरवा दिए लोगों को पेप्सी का टेस्ट खूब पसंद आया, लेकिन कोका- कोला को झटका तो तब लगा जब पेप्सी ने अपना शानदार प्रोमोशन किया। उन्होंने विज्ञापन में कुछ लाइन लिखी थीं जो खूब पसंद की गई थीं।
Pepsi Cola Hits The Spot, Twelve Full Ounces that’s a lot Twice as much for a nickel too, Pepsi cola is a Drink For You..
ये लाइन Walter Mack ने दी थी और इसके बाद पेप्सिको चल पड़ी। इस बात का अंदाजा कोका- कोला को नहीं होगा कि बैंगक्रप्ट होने के बाद पेप्सी एक दिन उसकी बड़ी प्रतिद्वंद्वी साबित होगी।
पेप्सी के इस विज्ञापन ने बाद कोका- कोला को उठाना पड़ा था बड़ा नुकसान
अपने प्रोडक्ट को ग्रो करने के लिए पेप्सी को मार्किट प्लेस बनानी थी पेप्सी ने बिना देर किए “पेप्सी चैलेंज” कैंपेन की शुरुआत कर दी इस विज्ञापन से पेप्सी को बड़ा मुनाफा हुआ दरअसल इस विज्ञापन में पेप्सी को लेने वालों की भीड़ दिखाई गई थी। और ग्राहकों के सामने दो ड्रिंक पेप्सी और कोका- कोला को पेश किया था। परिणाम यह निकला कि पेप्सी को लोगों ने कोका- कोला की तरजीह दे दी। इससे कोका- कोला कंपनी में हलचल मच गई और कंपनी को बड़ा नुकसान उठाना पड़ा था।
जमीन तो जमीन अंतरिक्ष में भी दोनों की लड़ाई जारी थी
80 के दशक में दोनों कंपनियां अंतरिक्ष तक में अपना नाम करना चाहती थीं। दरअसल 1985 में अमेरिकी स्पेस एजेंसी NASA को अंतरिक्ष में स्पेस शटल चैलेंज भेजना था।
इसके अंतरिक्ष यात्रियों के लिए दोनों कंपनियों ने अपने अपने प्रोडक्ट में बदलाव किए उन्होंने जीरो ग्रेविटी या भारहीनता प्रभाव में भी पिये जा सकने के काबिल बनाया।
दोनों ही कंपनियों ने अपना बखान करना शुरू हो दिया कोका-कोला ने दावा किया कि उन्हें ढाई लाख अमेरिकी डॉलर इस पर खर्च किए हैं। वहीं पेप्सिको ने दावा किया कि उन्होंने इस पर डेढ़ करोड़ अमेरिकी डॉलर खर्च किए हैं। परिणाम यह निकला की अंतरिक्ष यात्रियों ने दोनों के ड्रिंक्स को नकार दिए थे।
पेप्सी और कोका-कोला की वाइट हाउस में जंग
वर्ल्ड वॉर के समय चीजों और वस्तुओं को लेकर निश्चितता आ गई थी। जिसमें चीनी भी शामिल थी। ड्रिंक्स में चीनी की बड़ी मात्रा की जरूरत थी पेप्सी को इस समय बड़ा नुकसान उठाना पड़ रहा था। अपने कोटे को पूरा करने के लिए पेप्सी ने अमेरिकी सीनेटर जोसेफ मैकार्थी को लामबंद करने की कोशिश की और जोसेफ मैकार्थी ने आर्थिक सहायता की यह भेद खुल गया और मैकार्थी पेप्सी को नुकसान से बचाने के लिए कोई सहायता नहीं कर पाए थे। (यह वही समय रहा जब एक बार पेप्सी को कोका-कोला को बेचने का ऑफर किया गया था तब कोका-कोला ने खरीदने से साफ मना कर दिया था)
दोनों कंपनियों के बीच लड़ाई चलती रही 1984 के चुनाव के दौरान कोका-कोला ने रिपब्लिक पार्टी के उम्मीदवार रोनाल्ड रीगन का समर्थन किया था। दिलचस्प बात यह है कि रोनाल्ड रीगन के राष्ट्रपति बनते ही उन्होंने पेप्सी का समर्थन किया था।
रोनाल्ड रीगन के पहले रहे राष्ट्रपति जेम्स अर्ल कार्टर कोका-कोला के समर्थक थे। जिमी कार्टर (जेम्स अर्ल कार्टर) और कोक के रिश्ते के बारे में सभी को जानकारी थी। वो चुनावी सभाओं में जाने के लिए कोक के जहाज इस्तेमाल किया करते थे। उन्होंने एक बार वाइट हाइस में किसी कर्मचारी को पेप्सी पीते देख लिया था। उसके बाद से जब तक जिमी राष्ट्रपति रहे तब तक पेप्सी वाइट हाउस में नहीं दिखी।
सोवियत रूस के बजार में पेप्सी का प्रचलन
राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन को पेप्सी का स्वाद बेहद पसंद था। पेप्सी और रिचर्ड निक्सन के बीच रिश्ता भी दिलचस्प था। उन्होंने पेप्सी को सोवियत रूस के मुखिया खुश्चेव का पसंदीदा पेय बना दिया था, जिसकी बदौलत पेप्सी सोवियत रूस के बाजारों में घुस पाई थी।
कोल्ड के मैदान के बाद अब खेल के मैदान में भी लड़ाई
1996 में पहली बार पेप्सी ने क्रिकेट से जुड़कर ऐड निकाला। क्रिकेट वर्ल्डकप में मशहूर हुई पेप्सी के बाद कोक भी इसमें उतरा और यहीं से शुरू हुई दोनों के बीच ऐड वॉर। ऐड वॉर के इस दौर में दोनों ने एक-दूसरे को जमकर कोसा।
1996 में भारतीय उपमहाद्वीप में क्रिकेट के वर्ल्ड कप सीरीज में कोक के पास आधिकारिक स्पॉन्सर थी शानदार विज्ञापन की सीरीज भी बनाई थी। इसका काट करने के लिए पेप्सी ने मार्किट स्ट्रेटेजी बनाई और टैगलाइन दी “Nothing Official about it”
BCCI ने कोक को यह मौका दिया। पेप्सी ने ठीक इसके बाद एक ऐड निकाला जिसमें उसने क्रिकेटर्स को शामिल ऐड वॉर का दूसरा विज्ञापन 1998 में कोक ने दिया। एक बार फिर इंडियन मार्केट में अपना नया विज्ञापन पेश किया। इसकी टैगलाइन दी गई। ईट,स्लीप,ड्रिंक यानी ईट क्रिकेट, स्लीप क्रिकेट, ड्रिंक ओनली कोका कोला (eat cricket, sleep cricket, drink only coca cola) इसके ठीक बाद पेप्सी ने कोक के इस ऐड को फिर काउंटर किया और नया ऐड निकाला। इसमें क्रिकेटर्स को शामिल करके उन्हें क्रिकेट बैट खाते, पैड पर सोते और पेप्सी पीते हुए दिखाया। पेप्सी ने इसमें कोक की टैगलाइन को विजुअलाइज करके दिखाया। कोक ने भी इसे काउंटर किया और 1998 में ही एक प्रिंट ऐड निकाला, जिसमें टैगलाइन दी गई, चलो खा लिया। ऐड वॉर को तीसरा विज्ञापन बाजार में पेप्सी से पिछड़ने के बाद कोका कोला ने अपनी स्ट्रैटजी बदली और कोक की जगह थम्स अप (Thums Up) को आगे लेकर आया। इसमें कोका कोला ने पेप्सी के उसी ऐड को टारगेट किया, जिसमें एक बंदर को पेप्सी पीते दिखाया गया था। कोका कोला ने थम्स अप को आगे कर टैगलाइन दी Oye & डॉन्ट बी बंदर टेस्ट द थंडर (Don’t be Bandar (monkey), taste the thunder) ऐड वॉर का चौथा विज्ञापन पेप्सी ने इसके बाद सचिन तेंडुलकर को लेकर एक ऐड बनाया, जिसकी टैगलाइन दी गई सचिन आला रे, इसे काउंटर करने के लिए कोक ने लगभग उसी टैगलाइन पर ऐड निकाला कोक आला रे। पेप्सी ने इसके खिलाफ एडवर्टाइजिंग एजेंसीज एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एएएआई) के पास कोक की शिकायत दी।
कहा यह भी जाता है कि स्पॉन्सर कोका-कोला के पास थी वहीं पेप्सी ने प्रोमोशन के लिए कैंपेन तैयार किया था। पेप्सी ने स्टेडियम के अंदर नहीं बल्कि बाहर प्रोमोशन किया था। पेप्सी ने इंडिया की जर्सी फ्री में बाटीं थीं। इससे हुआ ये की कोक के स्पॉन्सर होने के बाद भी स्टेडियम में और कैमरे पर पेप्सी का नाम दिखाई दे रहा था।
भारतीय बाजार का चैलेंज
भारतीय के बाजार में उस समय कैम्पा कोला, थम्स अप, लिम्का और गोल्ड स्पॉट जैसे लोकल प्लेयर्स का होल्ड था। पेप्सी और कोक के लिए यहां जगह बनाना बेहद मुश्किल था, लेकिन कोक ने इन ब्रांड को खरीद मार्केट में जगह बना ली। लोकल प्लेयर्स के मर्ज होने से कोका कोला मजबूत स्थिति में पहुंच गया। पेप्सी को यह खटकने लगा, लेकिन उसने यूथ टारगेट से क्रिकेट प्रेमियों के बीच अपनी जगह बना ली।
बता दें कि कोका कोला के ड्रिंक प्रोडक्ट ही बाजार में हैं जबकि पेप्सी ने फूड चेन बना ली। कोका कोला का टर्नओवर
करीब पौने तीन लाख करोड़ रुपए है जबकि पेप्सी का चार लाख करोड़ है।
इंदिरा नूई 2006 में पेप्सिको की CEO घोषित की गईं उन्होंने भांप लिया था कि आने वाले समय में बाजार में हेल्थ ड्रिंक ज्यादा चलेंगी इसलिए उन्होंने जूस, पानी चाय पर काम करना शुरू कर दिया। स्टॉक मार्किट की बात करें तो पेप्सी का कोका कोला से बेहतर स्टॉक है।
इंदिरा नूई ने पेप्सिको के साथ 24 सालों से जुड़ी थीं। इंदिरा नूई 2019 की शुरुआत तक अध्यक्ष पद पर रहीं। अब लागुर्ता ने इस पद को संभाला है।
सस्पेंस खोलते हुए बता दें कि इस कोल्ड वॉर में पेप्सिको कोका कोला के पीछे ही रहा। दुनियाभर में कोक की हिस्सेदारी 42% थी जबकि पेप्सी की 30%