
श्री राम की नगरी अयोध्या मोक्षदायिनी है। सरयू नदी के तट पर बसी श्री राम जी की नगरी अयोध्या आस्था का एक केंद्र है। रामायण के रचयिता महर्षि वाल्मीकि के अनुसार इसे मनु ने बसाया था। अयोध्या में आकर मन को आध्यात्मिक शांति मिलती है।
भगवान श्री राम के मंदिर निर्माण के समय भले ही आज अयोध्या को आलोकित, प्रकाशित और सुवासित किया जा रहा है। लेकिन राजा दशरथ की इस नगरी में हजारों साल पहले ये नगर सभी व्यवस्था से सुसज्जित थी।
राम की नगरी अयोध्या में कई सारे दर्शनीय स्थल हैं। लेकिन यहां स्थित गुप्तार घाट की अपनी अलग ही विशेषता है। यह वह घाट है, जहां भगवान श्रीराम ने जलसमाधि ली थी। 19वीं सदी में राजा दर्शन सिंह द्वारा गुप्तार घाट का नवनिर्माण करवाया गया था।
इस घाट पर राम जानकी मंदिर, पुराने चरण पादुका मंदिर, नरसिंह मंदिर और हनुमान मंदिर लोगों की आस्था का केंद्र हैं। सरयू नदी के किनारे स्थित गुप्तार घाट पर कई छोटे-छोटे मन्दिरों के साथ यहां का सुन्दर दृश्य मन को मोह लेने वाला है।
पौराणिक कथा के अनुसार, गुप्तार घाट पर ही भगवान राम ने पृथ्वी को त्यागने और अपने मूल निवास ‘वैकुण्ठ’ में वापस जाने के लिए जल समाधि ली थी । यह घाट भगवान राम के नाम के मंत्रों से सदैव गूंजता रहता है।
यहाँ भक्तजन और पुजारी उनकी प्रशंसा में भजन गाते हैं। इस घाट पर सरयू नदी में डुबकी लगाने से उनके पाप धुल जाते हैं और उन्हें सांसारिक चिंताओं से मुक्ति प्राप्त होती है। आप यहां गुप्तार घाट के पास स्थित राजा मंदिर और चक्र हरजी विष्णु मंदिर भी जा सकते हैं।
घाट के पास ही राजकीय उद्यान, मिलिट्री मन्दिर, कम्पनी गार्डन और अन्य प्राचीन मन्दिर आकर्षण का केंद्र हैं। नौका विहार व शान्त वातावरण और सूर्यास्त की निराली छटा लोगों को बरबस अपनी ओर खींच लेती है। यहाँ नवाब शुजा-उद-दौला द्वारा निर्मित ऐतिहासिक किला, गुप्तार घाट से चंद कदमों की दूरी पर स्थित है।
अयोध्या कैसे पहुंचे-
अयोध्या ट्रेन, प्लेन और सड़क मार्ग से जाया जा सकता है। अयोध्या के सबसे पास एयरपोर्ट लखनऊ में है जोकि लगभग 140 किलोमीटर की दूरी पर है। यह एयरपोर्ट देश के बड़े शहरों से कई अलग-अलग फ्लाइटों के माध्यम से जुड़ा है।
सड़क मार्ग-
उत्तर प्रदेश सड़क परिवहन निगम की बसें लगभग सभी प्रमुख शहरों से अयोध्या के लिए चलती हैं। राष्ट्रीय और राज्य राजमार्ग से अयोध्या जुड़ा हुआ है।
रेल मार्ग-
फैजाबाद अयोध्या से पास का मुख्य रेलवे स्टेशन है। यह रेलवे स्टेशन मुगल सराय-लखनऊ लाइन पर बना है। यूपी और देश के कई शहरों से यहां पहुंचा जा सकता है। बता दें कि यहां से बस्ती, बनारस और रामेश्वर के लिए सीधी ट्रेने जाती हैं।
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